

झाबुआ, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिले के थान्दला नगर में पद्मावती नदी के तट पर स्थित प्राचीन श्री शांति आश्रम नर नारायण मंदिर में स्थापित भगवान् श्री नर नारायण के श्री विग्रह की पुनर्प्रतिष्ठा की जाएगी। इस हेतु स्थानीय स्वर्णकार समाज द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर धार्मिक अनुष्ठान पूर्वक भगवान् श्री नर नारायण की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को उत्सव पूर्वक नये सिरे से नूतन मंदिर में पुनः प्रतिष्ठित किया जाएगा। स्थानीय स्वर्णकार समाज द्वारा दी गई जानकारी अनुसार श्री शांति आश्रम क्षेत्र में गौशाला सहित सामाजिक धर्मशाला का निर्माण प्रस्तावित है, जिसके प्रथम चरण में नूतन मंदिर निर्माण किया गया है, जहां तीन दिवसीय आयोजित उत्सव के तहत भगवान् श्री नर नारायण की प्रतिमाओं को नूतन मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिले के थान्दला नगर में प्राचीन श्री नर नारायण मंदिर पूर्व में त्यागी संप्रदाय के अंतर्गत होकर श्री हनुमंत निवास आश्रम पीपलखूंटा के महंत दयाराम दासजी महाराज के प्रशासकीय नियंत्रण में था, जिसे उनके द्वारा स्थानीय स्वर्णकार समाज को सौंप दिया गया है।
नगर के इस प्राचीन श्री शांति आश्रम नर नारायण मंदिर में लगभग एक शताब्दी पूर्व प्राण प्रतिष्ठित भगवान् श्री नर नारायण की प्रतिमा की नये सिरे से पुन: प्रतिष्ठा हेतु आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव मंगलवार से आरंभ होगा, और गुरुवार को प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएंगी। आयोजन के संबंध में दी गई जानकारी में अध्यक्ष, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज, थांदला नटवरलाल सोनी ने सोमवार को बताया कि श्री शांति आश्रम नर नारायण मंदिर में स्थापित भगवान् श्री नर नारायण प्रतिमाओं को नवनिर्मित नूतन मंदिर में प्रतिष्ठित किए जाने हेतु तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जो कि वैशाख शुक्ल द्वितीया तदनुसार मंगलवार 29 अप्रैल से वैशाख शुक्ल चतुर्थी गुरुवार 1 मई तक आयोजित होगा। उक्त महोत्सव के तहत विद्वान कर्मकांडी ब्राह्मणों द्वारा अनुष्ठान पूर्वक भगवान् की प्रतिमा को नूतन मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। नटवर सोनी ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव की पूर्व वेला में आज सोमवार को हैमाद्रि स्नान के पश्चात श्री नागणेचा देवी मंदिर एवं श्री शीतला माता मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। आयोजित कार्यक्रम अनुसार मंगलवार 29 अप्रैल को प्रातः कालीन वेला में मंडप प्रवेश, देव पूजन सहित प्रतिमाओं का जलादिवास संपन्न होगा, जबकि बुधवार 30 अप्रैल को प्रातः काल यज्ञ, धान्यादिवास और शय्यादिवास के अनंतर देव अर्चन किया जाएगा। महोत्सव की अंतिम कड़ी के रूप में गुरुवार 1मई को प्रातः काल में देव न्यास, यज्ञ, ध्वजारोहण एवं कलश स्थापना का कार्यक्रम संपन्न होगा। इसी दिन मध्याह्न काल में 12.30 बजे भगवान् श्री नर नारायण की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा एवं यज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात महाआरती होगी, जबकि सायंकाल 5 बजे महाप्रसादी का कार्य क्रम होगा।
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(Udaipur Kiran) / उमेश चंद्र शर्मा
