चम्पावत, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मॉडल जिले में पुलिस सामाजिक विवादों को पुलिसिया अंदाज में निपटाने के बजाय लोगों के बीच आपसी समझ एवं उन्हें एक दूसरे का पूरक बनाकर कोर्ट कचहरी में जाने से भी रोक रही है। इसका ताजा उदाहरण लधियाघाटी के गड्यूड़ा गांव में देखने को मिला। गांव में सैम देवता के मंदिर में पूजा उपासना को लेकर ग्रामीणों के बीच पैदा हुए विवाद की स्थिति को देखते हुए थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट ने दोनों पक्षों के बीच अलग-अलग वार्ता कर उनकी समझ एवं एक दूसरे के जीवन का पूरक होने की बातें अपने अंदाज में समझाने पर दोनों पक्ष राजी हो गए।
थानाध्यक्ष ने लोगों को समझाते हुए कहा कि कभी-कभी नासमझी एवं मानसिक उत्तेजना के चलते हम लोग ऐसा काम कर बैठते हैं, जिस कारण विवाद को निपटाने में हमारा अनावश्यक धन बर्बाद होने के साथ ही हम तमाम परेशानियां को मोल ले लेते हैं। जबकि ऐसे मामलों का हल हम आपसी समझ व सूजबूझ से ही कर सकते हैं।
थानाध्यक्ष ने पहल करते हुए दोनों पक्षों को एक मंच पर लाया, जिस पर दोनों पक्षों ने एक दूसरे का पूरक बनकर रहने का संकल्प लिया। दाेनाें पक्ष ने अपने इष्ट देवता को साक्षी मानकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस कार्य के लिए कमलेश भट्ट के प्रति सभी ने आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर पाटी के तहसीलदार व थानाध्यक्ष देवनाथ गोस्वामी भी मौजूद थे । मालूम हो की लाधियाघाटी क्षेत्र में थानाध्यक्ष के रूप में कमलेश भट्ट के आने के बाद उनके द्वारा पुलिस व जनता को एक दूसरे का पूरक बनाकर यहां स्वस्थ सामाजिक माहौल पैदा किया गया है।
(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी