
-हाई कोर्ट ने दहेज हत्या के मामले के एक आरोपित को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की
नई दिल्ली, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि एक विवाहित महिला को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का स्थान दहेज हत्या के मामले में कोई असर नहीं डालता चाहे वह मायका हो या ससुराल। जस्टिस गिरीश कथपलिया की बेंच ने दहेज हत्या के मामले के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए ये टिप्पणी की।
हाई कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी के तहत परिणय संबंध की निरंतरता मायने रखती है न कि वो जगह जहां उसने खुदकुशी करने के पहले पहुंची। हाई कोर्ट ने कहा कि महिला ने कहां खुदकुशी की ये कतई मायने नहीं रखता है। सुनवाई के दौरान आरोपित की ओर से पेश वकील ने दलील दी थी कि इस मामले मे दहेज हत्या का मामला नहीं बनता है क्योंकि उसकी पत्नी की मौत अपनी मायके में हुई थी।
सुनवाई के दौरान आरोपित की ओर से कहा गया कि उसकी पत्नी जब अपने मायके गयी तो दहेज उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं की और उसने खुदकुशी कर ली। आरोपित और उसकी पत्नी की शादी 22 फरवरी 2023 को हुई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक शादी के बाद से आरोपित और उसके परिवार वाले महिला को दहेज के लिए परेशान करते थे। शादी के कुछ दिनों के बाद महिला अपने मायके चली गई और फोन के जरिये अपने पति के लगातार संपर्क में रही। महिला की अपने पति से फोन पर अंतिम बात 23 अप्रैल 2023 को हुई थी। महिला ने 27 अप्रैल 2023 को खुदकुशी कर ली। हाई कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई फैसले हैं जो उसके फैसले की तस्दीक करते हैं।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
