प्रयागराज, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सिविल लाइन थाने की पुलिस ने अफसर बनकर प्रतिष्ठित स्कूलों में एडमिशन कराने वाले को गिरफ्तार किया है। वह फर्जी अफसर बनकर एडमिशन के लिए प्रिंसिपल पर दबाव बनाता था और एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से लम्बी रकम वसूलता था।
सिविल लाइन स्थित गर्ल्स हाईस्कूल एंड कॉलेज (जीएचएस) की प्रिंसिपल डॉ विनीता ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी थी। आरोपित आकाश त्रिपाठी खुद को नेशनल इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी बताता था। प्रिंसिपल की तहरीर पर सिविल लाइंस पुलिस ने आरेपी को अरेस्ट कर विधिक कार्यवाही कर रही है।
इंस्पेक्टर सिविल लाइंस राम आसरे यादव ने बताया कि जीएचएस की प्रिंसिपल ने तहरीर दी है। जिसमें बताया कि कैलाशपुरी कॉलोनी शिवकुटी के रहने वाले आकाश त्रिपाठी खुद को नेशनल इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी बनकर फोन किया और स्कूल में छात्राओं के एडमिशन के लिए दबाव बनाता था। वह पहले भी कई बार ऐसा कर चुका था। इन दिनों वह फिर से एक एडमिशन का दबाव बनाने लगा। स्कूल में आने के दौरान उसकी तस्वीर ले ली गई। इसके बाद प्रधानाचार्य ने पता लगाया तो जानकारी मिली कि जिले में इस नाम का कोई आईबी अधिकारी नहीं है।
पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी गई तो पता चला कि आकाश पहले बीएचएस में काम करता था, तब प्रिंसिपल दूसरे थे। मामले में पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो उसके बारे में ब्लैकमेलिंग के कई और मामले सामने आ गए। कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर इसने कई लोगों से 1.5 लाख तक ले लिया था। सिविल लाइन्स पुलिस ने जांच के बाद आरोपी आकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह आईबी अफसर बनकर डरा रहा था।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र