Uttar Pradesh

मतदान से पाप-पुण्य के विचार को महाराष्ट्र की जनता ने समझा : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द

पत्रकारों से बातचीत करते शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद:फोटो बच्चा गुप्ता

— गोभक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे को जनता ने भारी मतों से विजयी बनाया, हमारे अपील का हुआ सम्मान

वाराणसी, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भारी जीत पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की गोभक्त हिन्दू जनता ने मतदान से होने वाले पाप-पुण्य की बात को समझा और गोभक्त एकनाथ शिन्दे को भारी मतों से विजयी बनाया। शंकराचार्य रविवार को यहां केदारघाट स्थित श्री विदयामठ में पत्रकारों से रूबरू हुए।

उन्होंने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि हमारी अपील का महाराष्ट्र के हिन्दुओं ने सम्मान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैसे तो यह तय करना कि कौन महायुति की ओर से मुख्यमन्त्री होगा, यह गठबंधन में सम्मिलित राजनीतिक दलों का पारस्परिक मामला है। लेकिन फिर भी एक तटस्थ दर्शक होने के नाते हमारी कामना है कि एकनाथ सम्भाजी राव शिन्दे को ही मुख्यमन्त्री के रूप में निरन्तर रखा जाना चाहिए। यह ऐतिहासिक विजय उनके ही नेतृत्व में महायुति को प्राप्त हुई है। देश की बहुसंख्यक जनता का भरोसा उन पर बढ़ा है। मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे का समर्थन कर शंकराचार्य ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व में ही यह चुनाव लड़ा गया था। शिंदे की छवि और उनके द्वारा किए गए कामों के साथ गौ माता को राज्य माता घोषित किए जाने के कारण ही इतनी बड़ी जीत मिली है।

शंकशाचार्य ने कहा कि भाजपा को एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाकर देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बना कर इस गठबंधन को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने बताया कि गौ माता को लेकर जो राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने का अभियान है, उसे और तेज किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में भी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिलाना चाहिए। ताकि महाराष्ट्र की तरह प्रदेश में भी वर्तमान सरकार को गौ माता का आशीर्वाद मिले। अब गौ भक्त जाग चुके हैं और हिंदुओं को अपने अधिकारों के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की ताकत का पता चल चुका है।

उन्होंने कहा कि शास्त्र नियम के अनुसार गोहत्या को जारी रखने वाले राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों को मतदान करने से गोहत्या का पाप मतदाता को भी लगता है। जबकि गोरक्षा के लिए स्पष्ट उद्घोषणा करने वाले का मतदान से समर्थन करना पुण्य प्राप्त कराता है। गोहत्या की अनुमति देने वाला, शस्त्र से मांस काटने वाला, मारने वाला, खरीदने वाला, बेचने वाला, पकाने वाला, परोसने वाला और खाने वाला, ये सब घातक हैं, कसाई हैं, पापी हैं।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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