Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य की मांग के प्रति केंद्र की उदासीनता से निराश हैं -रतन लाल गुप्ता

जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य की मांग के प्रति केंद्र की उदासीनता से निराश हैं -रतन लाल गुप्ता

जम्मू, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट रतन लाल गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हाल ही में संपन्न तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर यात्रा पर गहरी निराशा और कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने गृह मंत्री की यात्रा के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की जो लोगों की लंबे समय से लंबित और भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण मांग – जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के संबंध में किसी भी ठोस आश्वासन के बिना महज एक औपचारिकता प्रतीत हुई।

वरिष्ठ नेकां नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग उत्सुकता से गृह मंत्री की ओर से कुछ ठोस घोषणा का इंतजार कर रहे थे खासकर राज्य का दर्जा बहाल करने पर जिसका वादा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कई बार किया था। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से इस यात्रा ने केवल लोगों की हताशा और अलगाव को बढ़ाया है क्योंकि अमित शाह ने मूल मुद्दे पर चुप रहने का फैसला किया जिससे लाखों लोगों की आशा को धोखा मिला जो सकारात्मक बयान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार अपने बदलते रुख से लोगों को निराश कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के गतिशील नेतृत्व में नेकां के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए अपने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा सिर्फ पांच महीनों की अवधि में उमर के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, वंचित लड़कियों के लिए विवाह सहायता में वृद्धि, एएवाई परिवारों के लिए प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रावधान, एएवाई परिवारों के लिए राशन कोटा 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 10 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह और रक्त संबंधों के बीच उपहार विलेख के पंजीकरण के लिए स्टांप शुल्क से छूट जैसी कई जन-समर्थक पहल लागू की हैं।

प्रांतीय अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट और सतर्क रहने की अपील की। नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों की आवाज उठाना जारी रखेगी और तब तक लगातार लड़ती रहेगी जब तक कि जम्मू-कश्मीर की गरिमा और पहचान उसके राज्य के दर्जे की बहाली के माध्यम से पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाती।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य की मांग के प्रति केंद्र की उदासीनता से निराश हैं -रतन लाल गुप्ता

जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य की मांग के प्रति केंद्र की उदासीनता से निराश हैं -रतन लाल गुप्ता

जम्मू, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट रतन लाल गुप्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हाल ही में संपन्न तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर यात्रा पर गहरी निराशा और कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने गृह मंत्री की यात्रा के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की जो लोगों की लंबे समय से लंबित और भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण मांग – जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के संबंध में किसी भी ठोस आश्वासन के बिना महज एक औपचारिकता प्रतीत हुई।

वरिष्ठ नेकां नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग उत्सुकता से गृह मंत्री की ओर से कुछ ठोस घोषणा का इंतजार कर रहे थे खासकर राज्य का दर्जा बहाल करने पर जिसका वादा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कई बार किया था। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से इस यात्रा ने केवल लोगों की हताशा और अलगाव को बढ़ाया है क्योंकि अमित शाह ने मूल मुद्दे पर चुप रहने का फैसला किया जिससे लाखों लोगों की आशा को धोखा मिला जो सकारात्मक बयान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार अपने बदलते रुख से लोगों को निराश कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के गतिशील नेतृत्व में नेकां के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए अपने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा सिर्फ पांच महीनों की अवधि में उमर के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, वंचित लड़कियों के लिए विवाह सहायता में वृद्धि, एएवाई परिवारों के लिए प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रावधान, एएवाई परिवारों के लिए राशन कोटा 5 किलोग्राम से बढ़ाकर 10 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह और रक्त संबंधों के बीच उपहार विलेख के पंजीकरण के लिए स्टांप शुल्क से छूट जैसी कई जन-समर्थक पहल लागू की हैं।

प्रांतीय अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट और सतर्क रहने की अपील की। नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों की आवाज उठाना जारी रखेगी और तब तक लगातार लड़ती रहेगी जब तक कि जम्मू-कश्मीर की गरिमा और पहचान उसके राज्य के दर्जे की बहाली के माध्यम से पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाती।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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