गुवाहाटी, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दुर्गा पूजा का काउंटडाउन शुरू हो गया है। शारदीय दुर्गा पूजा शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। मूर्तिकार से लेकर उद्यमियों तक सभी लोग इन दिनों काफी व्यस्त हैं।
गुवाहाटी के पांडू स्थित जय हिंद क्लब इस साल 78वां दुर्गा पूजा उत्सव मनाने जा रहा है। 78 सालों से यह क्लब दुर्गा पूजा का आयोजन करता आ रहा है और हर बार नई और नई थीम और व्यवस्थाओं से इसने सभी का दिल जीत लिया है।
पिछले साल, दुर्गा पूजा के नाम पर साठ फीट ऊंची भगवान राम की मूर्ति आगंतुकों के लिए एक विशेष आकर्षण थी। इस साल भी जय हिंद क्लब ने एक विशेष पूजा की योजना बनाई है, जिसके माध्यम से पांडू की यह दुर्गा पूजा देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी। जय हिंद क्लब इस बार पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मिट्टी की मूर्ति बनाकर दर्शकों का दिल जीतेगा।
इस साल दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा आकर्षण पंडाल के सामने भगवान कृष्ण की 65 फीट ऊंची मिट्टी की मूर्ति है। यह मूर्ति न सिर्फ पंडाल की सजावट का हिस्सा है, बल्कि इस बार यह पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी श्रीकृष्ण मूर्ति होगी। मिट्टी से बनी यह विशाल प्रतिमा आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करेगी और इसे लगभग 6 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। मूर्ति का निर्माण मालीगांव के प्रसिद्ध कुम्हार उपेन पाल द्वारा किया जा रहा है। आयोजन समिति को उम्मीद है कि इस पूजा मूर्ति में उनका कौशल और कलात्मकता निखर कर सामने आएगा
इस बार दुर्गा पूजा की थीम बिल्कुल नई है। विभिन्न कलाकृतियों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। पूरे पंडाल को पूजा की थीम के अनुसार आंतरिक और बाहरी रूप से सजाया जाएगा, जिसके लिए लगभग 3 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
माणिक दास पूजा के लिए लाइटिंग के प्रभारी हैं, वह एक अनुभवी लाइटिंग कलाकार के रूप में जाने जाते हैं। इस वर्ष वे पूरे क्षेत्र में अत्याधुनिक एलईडी प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि यह रोशनी पूजा कक्ष और पूरे वातावरण में एक अलग आयाम लाती है।
पांडू जय हिंद क्लब का इस साल की पूजा का कुल बजट करीब 15 लाख रुपये है। पूजा के दिनों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, आरती प्रतियोगिताएं और प्रसाद वितरित किया जाएगा।
आयोजकों को इस साल की पूजा में बड़ी संख्या में आगंतुकों के आने की उम्मीद है, इसलिए भीड़ को प्रबंधित करने और सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। पांडु जय हिंद क्लब दुर्गा पूजा समिति ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पूजा के दिनों को सही और खूबसूरती से आयोजित करने की योजना बनाई है।
जय हिंद क्लब 1946 से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है जो उत्तर पूर्व भारत की सबसे पुरानी और पारंपरिक पूजाओं में से एक के रूप में जाना जाता है। हर साल वे नए विषयों और व्यवस्थाओं के साथ पूजा की सुंदरता बढ़ाते हैं। उनकी आराधना का 78वां वर्ष पिछले सभी वर्षों से अधिक आकर्षक होने की उम्मीद है।
पांडु जय हिंद क्लब के अध्यक्ष कल्लोल चक्रवर्ती और महासचिव उप्पल दास ने कहा, हम इस साल पूजा को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य धार्मिक समारोहों तक सीमित नहीं है, हम इस पूजा के माध्यम से समाज के लोगों को एकजुट करना चाहते हैं और उनके बीच सौहार्द और सद्भाव फैलाना चाहते हैं।”
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर