मुरादाबाद, 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के दौलतबाग मुहल्ले में 44 वर्ष से बंद पड़े प्राचीन गौरीशंकर मंदिर की रंगाई-पुताई का काम मंगलवार से शुरू हो गया। यह मंदिर 1980 के दंगे में पुजारी की हत्या के बाद से बंद पड़ा था। एक दिन पहले ही मंदिर के गर्भगृह में खुदाई के दौरान शिव परिवार की खंडित मूर्तियां मिलने के साथ 1954 का एक नक्शा भी प्राप्त हुआ था। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर टीम गठित कर मंदिर का जीर्णाेद्धार कराया जाएगा।
भारतीय संस्कृति रक्षा समिति के संस्थापक अध्यक्ष और विहिप मंदिर-अर्चक-पुरोहित विभाग के प्रांत प्रमुख आचार्य धीरशांत अर्द्धमौनी और गौरीशंकर मंदिर की जमीन को अपने परदादा भीमसेन के नाम पर रजिस्टर्ड बताने वाले सेवाराम सैनी ने जिलाधिकारी अनुज सिंह को 10 दिन पहले प्राचीन गौरीशंकर मंदिर के 1980 से बंद होने की जानकारी दी थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासन ने मौके पर शिकायतकर्ता सेवाराम, अर्द्धमौनी और अन्य लोगों को सोमवार को मौके पर बुलाया था। इसके बाद स्थानीय लोगों की मौजूदगी में मंदिर का दरवाजा खुलावाया गया। मंदिर खुलने की जानकारी मिलने पर लोगों की भीड़ जुट गई। प्रशासन ने वहां से अतिक्रमण हटावा कर गंदगी साफ करवाया।
शिकायतकर्ता सेवाराम सैनी ने जिलाधिकारी को सौंपे पत्र में दावा किया था कि यह प्राचीन गौरीशंकर मंदिर लगभग 150 साल पुराना है। मंदिर की जमीन उसके परदादा भीमसेन के नाम पर है। उसके परदादा के बाद दादा गंगा सरन यहां पर पूजा-पाठ करते थे। वर्ष 1980 के दंगे में उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद परिवार के लोग मझोला के लाइन पार क्षेत्र रहने लगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि वहां के लोगों ने मंदिर की मूर्तियां खंडित कर दी थीं। परिवार के लोग मंदिर का दरवाजा खोलने जाते थे तो स्थानीय लोग इसका विरोध करते थे। कुछ लोगों ने मंदिर की जमीन पर कब्जा भी कर लिया। सेवाराम ने इस संबंध में जिलाधिकारी को 27 दिसंबर को शिकायती पत्र सौंपा था।
आचार्य धीरशांत दास ने बताया कि मंदिर बहुत प्राचीन है। सोमवार को मंदिर की साफ-सफाई के दौरान मौके से 1954 का नक्शा बरामद हुआ। दीवारें और खंभे खुद गवाही दे रहे हैं कि मंदिर 150-200 साल पुराना है। वर्ष 1980 में दंगे में पुजारी की हत्या होने पर बहुसंख्यक हिंदू परिवार उस समय पलायन कर गया था। इस मंदिर का जीर्णाेद्धार बहुत आवश्यक है। मंदिर के जमीन पर क्षेत्रीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। इस अतिक्रमण को हटाकर पूरी जमीन प्रशासन मंदिर समिति को दिलाए।
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(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल