कानपुर, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) । निकारा योजना के तहत जलवायु अनुकूलन कृषि प्रौद्योगिकी का विकास जो प्राकृतिक और मानव निर्मित संसाधनों के निरंतर प्रबंधन के साथ-साथ कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है। यह जानकारी सोमवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर के ग्राम औरंगाबाद में धान फसल पर प्रक्षेत्र दिवस के मौके पर किसानों से निकरा योजना के वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने दी ।
डॉक्टर खान ने किसानों से कहा कि परियोजना के चार मॉड्यूल है प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, मिट्टी समस्या में सुधार, फसल उत्पादन और पशुधन, उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य कृषकों को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत किसानों के खेतों पर उसर सहनशील धान की प्रजाति सीएसआर 46 का प्रदर्शन देख किसान खुश हुए।
वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि जनपद में 15 से 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल उसर से प्रभावित है। जहां पर उसर सहनशील प्रजाति अपनाकर किसान आमदनी बढ़ा सकते हैं। प्रक्षेत्र दिवस के अवसर पर शुभम यादव, चरण सिंह, मुखलाल सहित गांव के 50 से अधिक किसान उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल