—नव उद्योग, इनोवेशन और इसमें महिलाओं की भूमिका विषयक समिट
वाराणसी,27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अटल इंक्यूबेशन सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ पीवी राजीव ने कहा कि हर एक पुरुष की सफलता के पीछे किसी न किसी महिला का प्रयास होता है। प्रो. राजीव अटल इनोवेशन मिशन कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की पहल पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित नव उद्योग, इनवोशन और इसमें महिलाओं की भूमिका विषयक समिट को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि युवाओं के नवाचारी विचारों और व्यावसायिक और सामाजिक उत्थान के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भी युवाओं को नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करना है। पूरे कार्यक्रम में दो पैनल आयोजित किए गए। पहले पैनल में रजत सिनर्जी ग्रुप के चेयरमैन रजत पाठक, रेमो वर्ल्ड ग्रुप के सीईओ राजेश कुमार तिवारी ने युवाओं को नवउद्यम और इनोवेशन से जोड़ने की सलाह दी। उन्होंने युवाओं को फ़ूड इंडस्ट्री में फंडिंग की भी जानकारी दी।
एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक वी. के. राणा ने केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और फंडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस पैनल का संचालन काशी हिन्दू विश्वाविद्यालय के नेटवर्क इंजीनियर अभिषेक त्रिपाठी ने किया। दूसरे पैनल में सनबीम डालिम्स ग्रुप के निदेशक माहिर मधोक, वी के राणा, स्टडी एट होम की फाउंडर तृप्ति वर्मा, स्कैपशाला की फाउंडर शिखा शाह,अपाह मीडिया, कुंडली 99 के निदेशक श्वेताँक मिश्र ने इनोवेशन में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की। माहिर माधोक ने सनबीम ग्रुप में महिलाओं को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से जोड़ने में विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला। शिखा साह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शुरुआती समय में नव उद्योग चलाने के लिए बड़े इन्वेस्टमेंट या फण्ड की आवश्यकता की जरूरत नहीं है।
तृप्ति वर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में नव तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आधुनिक शिक्षा में शिक्षक से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उसे कैसे उपभोक्ता को परोसा जाता है। श्वेताँक मिश्र ने पैनल का संचालन किया। कार्यक्रम में नेहा ओझा ने स्थानीय महिलाओं द्वारा निर्मित 80 से भी ज्यादा प्रोडक्ट की लॉन्चिंग की। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन विवेक ओझा ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कीर्ति, डॉ. आशीष आनंद, मनीष, आदि ने भी भागीदारी की।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी