
पौड़ी गढ़वाल, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । वनाग्नि रोकथाम और वन संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंगलवार को वन विभाग ने अदवानी क्षेत्र में आडा दिवस मनाया । कार्यक्रम में वन विभाग ने सुरक्षित रूप से अदवानी क्षेत्र के 17 ग्रामों में आडे जलाए। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध ने ग्रामीणों को जंगलों में आग के रोकथाम की शपथ दिलाई।
कहा कि ग्रीष्मकाल में आड़ा जलाने के दौरान विशेष सतर्कता आवश्यक है। बढ़ते तापमान के चलते वनाग्नि दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में यदि लापरवाही पूर्वक आड़ा जलाया जाता है तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। कहा कि वर्तमान तापमान को देखते हुए यह आड़ा जलाने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इसे नियंत्रित रूप से अभी किया जाए तो ग्रीष्मकाल में वनाग्नि की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
बताया कि अदवानी वन क्षेत्र एक आरक्षित वन खंड है, जिसका भौगोलिक विस्तार 1805 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र मुख्य रूप से बांज, बुरांश, काफल और चीड़ जैसी महत्वपूर्ण पादप प्रजातियों से आच्छादित है। हालांकि, वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में जनसहभागिता के माध्यम से प्रभावी रोकथाम और प्रबंधन की आवश्यकता है। इस मौके पर डीएफओ सिविल सोयम पवन नेगी, एसडीओ आयशा बिष्ट, सावित्री देवी आदि शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
