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जुलाई से जीएसटी का नया नियम, तीन साल बाद लेट रिटर्न नहीं किया जा सकेगा दाखिल

जीएसटीएन के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्ली, 07 जून (Udaipur Kiran) । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न फाइल करने वालों के लिए काम की खबर है। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शनिवार को बड़े बदलावों का ऐलान किया है। इसके तहत अब व्‍यवसायियों को जीएसटीआर-1ए फॉर्म दाखिल करते समय सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि वे जुलाई 2025 की कर अवधि से अपने जीएसटीआर-3बी फॉर्म को संपादित नहीं कर पाएंगे।

जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि करदाता अब तीन साल की समय-सीमा समाप्त होने के बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर सकेंगे। जीएसटीएन ने कहा कि जुलाई, 2025 टैक्स अवधि से यह लागू हो जाएगा। इसका मतलब है कि करदाता जुलाई 2025 टैक्स अवधि के लिए अगस्त 2025 में मासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। यह इस नई व्यवस्था के अंतर्गत आएगा।

जीएसटीएन के मुताबिक जुलाई 2025 से करदाताओं को अब मूल देय तिथि के तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने से रोक दिया जाएगा। वित्त अधिनियम, 2023 से होने वाला ये बदलाव जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी सहित जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-7,जीएसटीआर-8और जीएसटीआर-9 जैसे विभिन्न जीएसटी रिटर्न को प्रभावित करेगा। वे अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।

जीएसटीएन के मुताबिक समय सीमा में यह संशोधन माल और सेवा कर वित्त अधिनियम, 2023 के तहत लागू किए जा रहे हैं। इसके अनुसार बाहरी आपूर्ति रिटर्न, देयता भुगतान से संबंधित रिटर्न, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर जमा किए गए कर से जुड़े रिटर्न अब समय सीमा समाप्त होने पर दाखिल नहीं किए जाएंगे। यह प्रतिबंध जुलाई 2025 की कर अवधि से जीएसटी पोर्टल पर लागू किया जाएगा।

उल्‍लेखनीय है कि जीएसटीएन ने करदाताओं को सलाह दी है कि अपने रिकॉर्ड का मिलान करें। देखें अगर अबतक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, तो जितनी जल्दी हो सके दाखिल कर लें। दरअसल पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में जीएसटीए ने करदाताओं को आगाह किया था कि 2025 की शुरुआत में कर प्रतिबंध पर उक्त प्रावधान को लागू किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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