Chhattisgarh

रूद्री में बनेगी हाउसिंग बोर्ड की नई कालोनी, आगे व्यवसायिक परिसर भी होगा

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा समेत अन्य निरीक्षण करते हुए।

धमतरी, 16 मई (Udaipur Kiran) ।रूद्री मे सिंचाई विभाग के पुराने और जर्जर अनुपयोगी गोदाम तथा कार्यालय भवन की जगह जल्द ही नये मकान और व्यवसायिक परिसर खड़ा नजर आएगा। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर सिंचाई विभाग की इस भूमि पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल री-डेवलपमेंट योजना के तहत नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना रहा है।

कलेक्टर श्री मिश्रा ने 16 मई को सिंचाई विभाग की इस भूमि का हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों और नगरनिगम आयुक्त के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाली लगभग साढ़े तीन हेक्टेयर भूमि में से दो हेक्टेयर भूमि पर आवासीय-व्यवसायिक परिसर विकसित करने पर अधिकारियों से चर्चा की। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर श्री मिश्रा के निर्देश पर सिंचाई विभाग के पुराने जर्जर और अनुपयोगी गोदामों तथा कार्यालय भवन को मिलाकर नये आवासीय-व्यवसायिक परिसर की प्रारंभिक योजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए भूमि का हस्तांतरण करने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मौखिक स्वीकृति भी मिल गई है। पूरी योजना को जल्द ही अंतिम रूप देकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि इस जगह पर 82 स्वतंत्र मकान और 40 दुकानों का निर्माण कर परिसर के विकास की योजना है। यहां 45 स्वतंत्र एमआईजी मकान और 37 स्वतत्र एलआईजी मकान बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सिंचाई विभाग के टूटने वाले उप संभागीय कार्यालय का भवन, प्रयोगशाला भवन और सिंचाई कालोनी के आठ एच टाईप भवन भी बनाकर दिए जाएंगे। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इस परिसर में लगभग डेढ़ हजार वर्गफीट के भूखण्ड पर लगभग एक हजार वर्गफीट में निर्मित टू बीएचके एमआईजी मकान बनेंगे। इसी तरह लगभग एक हजार वर्गफीट के भूखंड पर लगभग 600 वर्गफीट के टू बीएचके एलआईजी मकान बनाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि परिसर में भीतरी सड़कें लगभग नौ मीटर चौड़ी होंगी।पूरे परिसर के प्रवेश स्थान पर दो मंजिला व्यवसायिक परिसर होगा, जिसमें 40 दुकानें बनाईं जाएंगी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने इस पूरी परियोजना की कागजी कार्रवाई कर इसे जल्द से जल्द स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजने के निर्देश हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को दिए हैं।

कलेक्टर ने कहा कि इस परियोजना से शहर में लोगों को रहने के लिए अच्छे मकान तो मिलेंगी ही, साथ ही व्यवसायिक परिसर विकसित होने से रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने कहा कि खाली पड़ी इस जमीन का उपयोग हो जाने से शासन को भी राजस्व प्राप्त होगा और नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। गंगरेल बांध के नजदीक होने के कारण यहां पर्यटन बढ़ने की भी संभावना रहेगी।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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