
मुंबई, 26 अप्रैल ( हि. स.) ।हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हमारे संविधान के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी हम आम नागरिकों को समय पर न्याय नहीं दे पा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक ने आज यहां कहा कि आज की स्थिति में यह आवश्यक है कि आम आदमी को शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
ठाणे जिला न्यायालय परिसर में जिला एवं सत्र न्यायालय की नई इमारत का उद्घाटन आज सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभय ओक के हाथों और उपमुख्यमंत्री तथा ठाणे जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में हुआ।
इस अवसर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी, न्यायमूर्ति श्रीराम मोदक, न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख, न्यायमूर्ति गौरी गोडसे, न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे, न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना, ठाणे के मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवास अग्रवाल, ठाणे के जिला न्यायाधीश-1 और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत शिंदे, जिला एवं तालुका स्तर की अदालतों के न्यायाधीश, साथ ही महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष एडवोकेट. सुदीप पासबोला और सदस्य एडवोकेट गजानन चव्हाण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ईश्वर सूर्यवंशी, ठाणे जिला वकील संघ के अध्यक्ष एडवोकेट. प्रशांत कदम, सांसद नरेश मस्के, विधायक संजय केलकर, जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे, तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ज्ञानेश्वर चव्हाण, आदि मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय ओक ने आगे कहा कि आज का उद्घाटन मेरे लिए कई कारणों से खुशी का अवसर है। मैं अपनी सेवा के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद, एक रचनात्मक कार्य के लिए उस स्थान पर लौटकर बहुत खुश हूं जहां से मैंने अपना कानूनी करियर शुरू किया था। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिला एवं सत्र न्यायालय भवन है। इस खूबसूरत इमारत का निर्माण कई चरणों में किया गया है। अदालतों से अच्छे न्याय की उम्मीद की जाती है। विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संरक्षित किया जाना चाहिए। यह न्यायपालिका का मुख्य काम है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
