
श्रीनगर, 15 मई (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और साहस तथा उनकी ताकत और रणनीतिक स्पष्टता को सलाम किया जिसके साथ उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और पाकिस्तान में बैठे आतंकी साजिशकर्ताओं को उनके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करके और शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराकर अनुकरणीय सजा दी।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने और बहादुरी के साथ ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक विजय गाथा लिखने के लिए राष्ट्र को हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है।
ऑपरेशन सिंदूर ने एक केंद्रित और मापा प्रहार में आतंक के खिलाफ लड़ाई की दिशा बदल दी है। इसने हमारे सैन्य सिद्धांत में एक निर्णायक बदलाव को चिह्नित किया है और पूरा देश सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है। 9 प्रमुख आतंकी शिविर नष्ट कर दिए गए, 11 पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया गया और हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को मार गिराया गया।
हमारे बहादुर सशस्त्र बलों ने न केवल पाकिस्तान के भीतर आतंकी कारखानों को नष्ट कर दिया है, बल्कि आतंकवादियों को अब एक-एक करके खोजा जा रहा है। उपराज्यपाल ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभियान में दक्षिण कश्मीर में छह आतंकवादियों को बेअसर कर दिया गया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करना हमारा संकल्प है। उपराज्यपाल ने यह भी दोहराया कि हमारे बहादुर सशस्त्र बल हमारे नागरिकों की सुरक्षा और राष्ट्र की शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सैनिकों की बहादुरी अब हमारी महान विजय परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और अब हमने यह भी तय कर लिया है कि इस आतंकवादी देश और वहां बैठे आतंकवाद के मास्टरमाइंड के बीच कोई अंतर नहीं है।
उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद पाकिस्तान द्वारा रचा और अंजाम दिया जाता है और हमारी शक्तिशाली सेनाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि अब हम पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में घुसकर आतंकवादियों को मारेंगे और हम भविष्य में होने वाली आतंकी घटनाओं को भी युद्ध की कार्रवाई मानेंगे। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि जैसा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु ब्लैकमेल अब काम नहीं करेगा और उसके परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी में ले लिया जाना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
