
-श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बनेगा मंत्र चिकित्सा केन्द्र
देहरादून, 24 मई (Udaipur Kiran) । संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने एक अभिनव पहल की है। विश्वविद्यालय के सभी विभागों की नामपट्टिकाएं अब संस्कृत, हिंदी और अंग्रेज़ी – तीनों भाषाओं में लिखी जाएंगी। इनमें संस्कृत को सर्वोच्च स्थान दिया जाएगा, इसके बाद हिंदी और फिर अंग्रेज़ी में नाम अंकित होंगे। इस प्रयास में उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। इसके अलावा श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मंत्र चिकित्सा केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा।
इस निर्णय के तहत श्री गुरु राम राय दरबार साहिब को अब संस्कृत में श्रीगुरुरामराय-दरबारसाहिबः, झण्डासाहिबः, देहरादूनम् और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को श्रीमहन्तइन्दिरेश-चिकित्सालयः, चिकित्सा एवं अनुसंधानकेन्द्रम्, देहरादूनम् कहा जाएगा।
संस्कृत शिक्षा विभाग के सचिव दीपक कुमार गैरोला ने शनिवार को श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्रीमहंत देवेन्द्र दास से भेंट की। दोनों के मध्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई, साथ ही साथ उन्हें उत्तराखंड सरकार के कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से प्रकाशित मेरी योजना पुस्तकें भेंट कर सरकार की योजनाओं को श्री दरबार साहिब एवं श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के माध्यम से भी प्रचारित- प्रसारित करने का अनुरोध किया।
संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत अकादमी और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू की भी कार्यवाही की जायेगी, जिससे द्वितीय राजभाषा के विकास, उत्थान, प्रचार-प्रसार एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
आधुनिक चिकित्सा के साथ बनेगा मंत्र चिकित्सा केन्द्र
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मंत्र चिकित्सा केन्द्र की स्थापना होगी। ऐसी मरीज़ जो असाध्य रोगों से ग्रसित हैं, गम्भीर बीमारी की वजह से जिनके पास बहुत कम समय बचा है। वैदिक मंत्र उपचारों के द्वारा उनकी जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने का काम किया जाएगा। क्रियात्मक अनुसंधान के तहत उनकी जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने हेतु शोध एवम् अनुसंधान भी किए जाएंगे। श्री गुरु राम राय संस्कृत विद्यालय के विद्वतजन इस कार्य में महत्वपूर्णं भूमिका निभाएंगे। संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत अकादमी भी सहभागी बनेंगे।
सचिव दीपक कुमार गैरोला ने कहा की श्री गुरु राम राय दरबार साहिब प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत देवेंद्र दास जहां एक ओर चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का कार्य कर रहे हैं, वहीं संस्कृत भाषा के उन्नयन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। वहीं श्रीमहंत देवेंद्र दास ने कहा कि श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में शिक्षण संस्थान के रूप में सबसे पहले 1931 में संस्कृत महाविद्यालय की ही स्थापना की और आज शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह विकास का क्रम निरंतर पूरे देश और विदेशों में व्याप्त होता जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
