कोलकाता, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
पुरुलिया जिले के झालदा में मारे गए कांग्रेस नेता तपन कुंडू की पत्नी और नगर पार्षद पूर्णिमा कुंडू की आकस्मिक मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है। परिवार के मुताबिक, पूर्णिमा पूरी तरह स्वस्थ थीं, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है।
शुक्रवार की रात जब यह घटना घटी, तब पूर्णिमा घर में अकेली थीं, और उनके बेटे-बेटी दुर्गा पूजा देखने गए थे। रात लगभग 10:45 बजे जब वे लौटे, तो उन्होंने मां को बेहोशी की हालत में पाया। बच्चों के शोर मचाने पर पड़ोसी वहां पहुंचे और तुरंत उन्हें झालदा-1 ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
——
2022 में हुई थी तपन कुंडू की हत्या
13 मार्च 2022 को तपन कुंडू की हत्या कर दी गई थी। वे शाम की सैर पर निकले थे, जब गोकुलनगर के पास कुछ हमलावरों ने उन्हें बहुत नजदीक से गोली मार दी। तपन की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूर्णिमा कुंडू को कांग्रेस ने नगर पार्षद पद के लिए उम्मीदवार बनाया था, और वे चुनाव जीत गई थीं।
तपन कुंडू की हत्या की जांच के लिए पहले जिला पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई थी। इस मामले में तपन के भतीजे दीपक कुंडू को गिरफ्तार किया गया था, जो चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर तपन के खिलाफ खड़े हुए थे। इसके बाद झारखंड के बोकारो जिले से कोलेवर सिंह और अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया। एसआईटी और बाद में सीबीआई ने इस मामले में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सुपारी किलर बताए जा रहे जाबिर अंसारी और शशिभूषण सिंह भी शामिल हैं। हालांकि, यह मामला अभी अदालत में लंबित है।
—–
पूर्णिमा कुंडू की मृत्यु पर गहराया रहस्य
पूर्णिमा की अचानक हुई मौत से इलाके में हलचल मच गई है। स्थानीय कांग्रेस अध्यक्ष नेपाल महतो ने शनिवार को कहा, डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बिना पोस्टमॉर्टम के मृत्यु का सही कारण बताना संभव नहीं है। इसलिए हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही झालदा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी पार्थसारथी घोष भी मौके पर पहुंचे। हालांकि, पुलिस की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
पूर्णिमा कुंडू की रहस्यमय मौत ने न केवल राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी कई आशंकाएं पैदा कर दी हैं। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे इस घटना के पीछे का सच सामने आ सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर