-अन्तिम यात्रा में सभी दलों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए
वाराणसी, 26 नवम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ का पार्थिव शरीर मंगलवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गया। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट पर उनका अन्तिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया। मुखाग्नि छोटे पुत्र स्वप्रकाश राय चौधरी ने दी।
इसके पहले बड़ादेव कोदईचौकी स्थित आवास पर दादा को श्रद्धांजलि देने के लिए विभिन्न दलों के नेता जुटे रहे। बड़ादेव आवास पर राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, प्रदेश के पूर्व मंत्री और शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, पूर्व महापाैर मृदुला जायसवाल, भाजपा काशी क्षेत्र के पदाधिकारी, सपा नेता व पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटेल, पूजा यादव आदि ने पार्थिव शरीर को नमन किया। आवास से शाम को ‘दादा’ की अंतिम यात्रा निकली।
अन्तिम यात्रा में भाजपा के नेताओं, जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रीय नागरिक और विभिन्न दलों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। दादा के निधन पर वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दादा के साथ अपनी तस्वीर शेयर की और लिखा जनसेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। स्नेह भाव से हम सभी उन्हें ‘दादा’ कहते थे। उन्होंने ना केवल संगठन को सींचने और संवारने में अहम योगदान दिया, बल्कि काशी के विकास के लिए भी वे पूरे समर्पण भाव से जुटे रहे। उनका जाना काशी के साथ-साथ पूरे राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करे। शहर दक्षिणी से लगातार सात बार भाजपा से विधायक रहे श्याम देव राय चौधरी ‘दादा’ का मंगलवार सुबह निधन हो गया। 85 वर्षीय दादा का ब्रेन हेमरेज के बाद कई दिनों से रवींद्रपुरी स्थित निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। दादा के निधन पर बड़ादेव,कोदईचौकी इलाके में दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।
—संघर्षो से भरा था दादा का राजनैतिक जीवन
दादा 1968 से लेकर 1976 तक जनसंघ के सभासद रहे।
1974 में भाजपा महानगर के शहर दक्षिणी विधानसभा मंडल के महामंत्री रहे।
1980 से 1988 तक भाजपा महानगर के उपाध्यक्ष रहे।
1974 में जनता कर्फ्यू आंदोलन के दौरान जेल में बंद रहे।
दादा 1975 से 1977 तक इमरजेंसी (आपातकाल) में जेल में बंद रहे।दादा 1984 में प्रथम बार शहर दक्षिणी विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी रहे।
दादा 1984 से 1989 तक लगातार जनसमस्याओं को लेकर सड़कों पर अपने युवा साथियों के साथ जनांदोलन एवं संघर्ष करते रहे, जिसमें अनेक बार पुलिस की लाठियों का सामना किए और अनेकों बार जेल गए। वह आंदोलनों के प्रतीक रहे।
दादा नहीं यह आंधी है पूर्वांचल के गांधी है यह नारा पूरे पूर्वांचल में गूंजता रहा।
दादा 1989 से लेकर 2017 तक शहर दक्षिणी के सात बार तक अजेय विधायक रहे।
दादा 2007 और 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर से नवाजे गए।
दादा 2007 में भाजपा बसपा गठबंधन सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार चुने गए।
शवयात्रा में ये थे शामिल
भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु, पूर्व मंत्री एवं शहर दक्षिणी विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक सुनील पटेल, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधान परिषद सदस्य धर्मेन्द्र राय, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, पूर्व विधान परिषद सदस्य अशोक धवन, कौशलेंद्र सिंह पटेल, संजय राय, सपा नेता एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, राकेश जैन, संजय राय, पूर्व महानगर अध्यक्ष टीएस जोशी, नवरतन राठी, सुधीर मिश्रा, लालजी गुप्ता, राकेश शर्मा, नरसिंह दास, किशन दीक्षित, पूजा यादव, संतोष सोलापुरकर, नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी, हरि केशरी, साधना वेदांती आदि अन्तिम यात्रा में शामिल रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी