
एक्सरे को जाते समय अनदेखा करने वाले कर्मचारियों की हो रही जांच
झांसी, 12 मई (Udaipur Kiran) । मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है। जिसमें एक महिला को खून चढ़ाते हुए एक्सरे के लिए भेज दिया गया। हद तो तब हो गई जब स्ट्रैचर खींचने के लिए कोई भी वार्ड बॉय तक आगे नहीं आया। थक हार कर उसके पति को स्ट्रेचर खींचना पड़ा तो वहीं 9 वर्ष का मासूम अपनी मां को चढ़ रही खून की बोतल पकड़कर आगे चल रहा था। इस मामले में पांच लोगों पर तत्काल कार्रवाई की गई थी। इसके बाद अब यह जांच की जा रही है कि और कौन-कौन कर्मचारी इसमें दोषी हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छतरपुर की रहने वाली शकुंतला नामक महिला को पेट में तकलीफ के चलते 3 मई को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जांच में आंतों में संक्रमण पाया गया और खून की कमी भी थी, जिसके चलते 8 मई को उन्हें खून चढ़ाया गया। खून की बोतल पूरी चढ़ भी नहीं पाई थी कि महिला को एक्सरे के लिए रेडियोलॉजी विभाग ले जाने के लिए कहा गया। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल से कोई भी वार्डबॉय या कर्मचारी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। मजबूरन, महिला के पति राजू नायक को खुद स्ट्रेचर खींचना पड़ा, जबकि उनका करीब नौ साल का मासूम बेटा सौरभ नायक हाथ में खून की बोतल पकड़े उनके साथ-साथ चलता रहा।
यह हृदयविदारक दृश्य किसी ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया और रविवार दोपहर करीब 4:00 बजे यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। फोटो वायरल होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मामले की जांच की गई और प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए पांच कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। सिस्टर इंचार्ज और स्टाफ नर्स का वेतन रोक दिया गया है और दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा, दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है।
अनदेखा करने वाले कर्मचारी भी नपेंगे
इस संबंध में सोमवार को सीएमएस डॉ. सचिन माहौर ने बताया कि प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर 5 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके बाद अब यह जांच की जा रही है कि महिला को एक्सरे के लिए ले जाते समय किस-किस कर्मचारी ने इसे देखकर भी अनदेखा किया है। उन पर भी जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज पूरा परिवार है। हम यह कहकर बच नहीं सकते कि हमारी ड्यूटी समाप्त हो गई है। या हम दूसरे वार्ड में हैं। मानवीयता के नाते हम सभी का दायित्व है कि प्रत्येक मरीज की परेशानी को देखकर अनदेखा न करें।
—————
(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
