जयपुर, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-द्वितीय ने सीकर रोड स्थित रजत विहार योजना में परिवादी को 16 साल पहले आवंटित भूखंड का पट्टा व कब्जा नहीं देने को सेवा दोष करार दिया है। वहीं जयपुर विकास प्राधिकरण व जोन-12 उपायुक्त पर 5.21 लाख रुपये हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही जेडीए को एक महीने में जहां खाली भूखंड हो उसका कब्जा परिवादी को देने अन्यथा जमा राशि 6,88,532 रुपये 18 प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को लौटाने के लिए कहा है। आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश नकूलेश्वर दत्त के परिवाद पर दिया। परिवाद में अधिवक्ता शमीम ने बताया कि जेडीए ने 10 अगस्त 2007 को रजत विहार आवासीय योजना में पंजीकरण के आवेदन मांगे थे। परिवादी ने 252 वर्ग मीटर भूखंड के पंजीकरण के लिए 8 सितम्बर 2008 को दस हजार रुपये जमा करवा दिए। जिस पर जेडीए ने उसे भूखंड आवंटित कर 21 अक्टूबर 2008 को आवंटन पत्र जारी कर दिया। परिवादी ने भी अगस्त 2008 में भूखंड की राशि 6,78,532 रुपये जेडीए में जमा करवा दिए, लेकिन जेडीए ने ना तो उसे भूखंड दिया और ना उसकी जमा राशि लौटाई। इसे परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने जेडीए पर हर्जाना लगाया है।
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(Udaipur Kiran)