
नाहन, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।सिक्खों के दशम गुरु गोबिंद सिंह जी 30 अप्रेल 1865 को तत्कालीन सिरमौर रियासत के महाराज मेदिनी प्रकाश के आग्रह पर नाहन पहुंचे थे। महाराजा का अन्य राजा से सीमा विवाद चला हुआ था और महाराजा सिरमौर की मदद को गुरु गोबिंद सिंह नाहन आये थे। वो लगभग 8 महीने तक नाहन में रहे और सीमा विवाद भी खत्म किया और उसके उपरांत उन्होंने पोंटा साहेब नगर की स्थापना की। जहां वो रहे हैं। उनके नाहन आगमन दिवस को बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है और इस अवसर पर आगमन जोड़ मेले का आयोजन भी चौगान में किया जाता है। यह मेला आज आरम्भ हो गया और 5 मई तक चलेगा। मेले का शुभारम्भ विधायक नाहन अजय सोलंकी ने किया।
इस मेले में दूर दूर से लोग पहुंचते हैं और खरीददारी करते हैं।
दशमेश गुरुद्वारा अस्थान कमेटी नाहन के अध्यक्ष अमृत सिंह शाह ने बताया कि गुरु जी 29 अप्रेल को नाहन के टोका साहेब आये थे और 30 अप्रेल को नाहन पहुंचे थे। उनके इस आगमन दिवस को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है और गुरुद्वारा साहेब में अनेक धार्मिक आयोजन किये जाते हैं और इस उपलक्ष में जोड़ मेले का भी आयोजन किया जाता है। गुरूजी के प्रयासों से सिरमौर को अपनी सीमाएं मिली और उन्होंने ही पोंटा नगर की स्थापना की।
विधायक अजय सोलंकी ने बताया कि गुरूजी के आगमन दिवस पर आयोजित होने वाले इस मेले में बहुत लोग भाग लेते हैं और यह धार्मिक एकता का प्रतीक भी है। गुरु गोबिंद सिंह जी का आशीर्वाद हमेशा से सिरमौर पर रहा है और आगे भी रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
