-जमीयत उलेमा-ए-हिंद के द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर इजलास-ए-आम, सभा का आयोजनकिशनगंज,08 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने बिहार के सीमांचल जिले किशनगंज के लहरा चौक पर भीड़ को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि बांग्लादेश में जो घटनाएं हो रही है वो निंदनीय है। हिन्दुओं पर जो अत्याचार हो रहा है वह बंद होना चाहिए। कोई मुसलमान अगर गैर मुस्लिम के साथ गलत व्यवहार करे तो यह बहुत बड़ा अन्याय है। इस्लाम हमें ऐसा नहीं सिखाता।
मदनी ने कहा कि बांग्लादेश ही नहीं सभी मुल्कों से यह अपील करेंगे कि अपने यहां रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करे और उनका सम्मान करे। उन्होंने कहा कि राजनैतिक लाभ के लिए देश के सौहार्द को बिगाड़ने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है जो कि नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल लाकर हमारी संपत्ति को सरकार छीनने का प्रयास कर रही है।
मौलाना मदनी ने मुसलमानों को नसीहत दी कि कठिन परिस्थितियों में मुसलमानों के कृत्यों और प्रतिक्रिया से धैर्य, रणनीति और बुद्धिमत्ता झलकनी चाहिए। यह समय की मांग है कि मुसलमान अपनी दृष्टि और दूरदर्शिता का प्रदर्शन करें, सकारात्मक और संतुलित पहल के माध्यम से सामाजिक निर्माण और विकास में अपनी भूमिका और मजबूत करें।
उन्होंने पवित्र कुरान की आयतों के आलोक में कहा कि परीक्षा मोमिन के लिए आवश्यक कार्य है, और इस परीक्षा में धैर्य और मजबूती से डटे रहना मोमिन की कामियाबी की निशानी है। मौलाना मदनी ने दहेज़ को एक सामाजिक अभिशाप बताते हुए कहा कि अगर आप मोमिन हैं तो ईमान का तकाज़ा है कि आप इसे छोड़ दें। जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने जमीअत उलमा-ए-हिंद की लंबी सेवाओं पर प्रकाश डाला।
दीनी तालीमी बोर्ड, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुफ्ती मो अफ्फान मंसूरपुरी ने अपने संबोधन में सामाजिक सुधार के साथ अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा से जोड़ने पर जोर दिया। उनके अलावा किशनगंज के कांग्रेस सांसद डा मो जावेद आजाद, अब्दुल वाहिद चिश्ती अंगारा दरगाह अजमेर शरीफ और विधायक मौलाना सऊद असरार, इज़हार असफी, अख्तरुल ईमान, इज़हारुल हसन, अंजार नईमी, मुजाहिद आलम, मुफ़्ती अतहर जावेद कासमी समेत कई अन्य हस्तियों ने भी संबोधित किया।
सभा में वक्फ संपत्तियों, मस्जिदों, इस्लामी मदरसों और पैगंबर साहब के सम्मान की सुरक्षा को लेकर अहम प्रस्ताव पारित किए गए। एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में वक्फ संशोधन बिल को मुसलमानों के लिए घातक बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया गया।
(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह