
कोलकाता, 01 मई (Udaipur Kiran) । अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दीघा के भव्य जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर के दरवाजे खुलते ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आंकड़ों के अनुसार, उद्घाटन के महज तीन से चार घंटे के भीतर ही करीब दो लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। गुरुवार सुबह से भी दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक, श्रद्धालु सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक दर्शन कर सकते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर परिसर में अच्छी व्यवस्था है, जिससे पूजा में ज्यादा समय नहीं लग रहा। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की आशंका नहीं है। मंदिर के वास्तु और कलाकृति को लेकर भी श्रद्धालु काफी प्रसन्न हैं और लगातार इसकी सराहना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दीघा का यह जगन्नाथ मंदिर राजस्थानी गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया है। निर्माण कार्य में करीब 800 कारीगरों ने हिस्सा लिया, जो सभी राजस्थान से आए थे। मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही तीन दीपस्तंभ दिखाई देते हैं। पुरी के मंदिर की तर्ज पर दीघा के इस मंदिर में चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। मुख्य सिंहद्वार के सामने काले पत्थर से बना 34 फीट ऊंचा 18 मुख वाला अरुण स्तंभ स्थापित किया गया है, जिसके शीर्ष पर अरुण की मूर्ति है।
मंदिर के अंदर पहले भोग मंडप आता है, जिसमें चार दरवाजे हैं। इसके बाद 16 स्तंभों पर खड़ा नाटमंडप और फिर चार स्तंभों पर टिके जगमोहन का निर्माण किया गया है। सबसे अंदर गर्भगृह में जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियां विराजमान हैं। भोग मंडप और नाटमंडप के बीच गरुड़ स्तंभ भी स्थापित किया गया है। नाटमंडप की दीवारों पर काले पत्थर से बनी दशावतार की मूर्तियां और मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही हैं। मंदिर में भगवान जगन्नाथ के भोग पकाने के लिए अलग भोगशाला भी बनाई गई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
