Haryana

हिसार: युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में उद्यमिता की अपार संभावनाएं: प्रो. बीआर कम्बोज

प्रदर्शनी का अवलोकन करते कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज।
प्रदर्शनी का अवलोकन करते कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज।
प्रगतिशील किसानों के साथ कुलपति बीआर कम्बोज।

एचएयू में दो दिवसीय कृषि मेला (खरीफ) हुआ शुरूहिसार, 17 मार्च (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि कृषि उद्यमिता, कृषि क्षेत्र में नया व्यवसाय शुरू करने की एक प्रक्रिया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कृषि उद्यमिता कारगर सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवाओं के लिए उद्यमिता की अपार संभावनाएं हैं। किसान खेतीबाड़ी के साथ-साथ कृषि उद्यमिता को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं।

प्रो. बीआर कम्बोज सोमवार को एचएयू में शुरू हुए दो दिवसीय कृषि मेला के शुभारंभ अवसर पर संबोधन दे रहे थे। इस वर्ष मेले का थीम ‘कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा’ रखा गया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, वर्मी कम्पोस्टिंग, सब्जी उत्पादन, बागवानी, चारा उत्पादन, साइलेज मेकिंग, नर्सरी, बीज उत्पादन, मछली पालन एवं बेकरी में हकृवि से प्रशिक्षण लेकर युवा किसान स्वरोजगार स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने अधिक मुनाफा कमाने के लिए किसानों से उन्नत खेती के तरीके अपनाने के साथ-साथ उत्पाद का प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन करने के अलावा सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग पर भी ध्यान देने का आह्वान किया। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्थापित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर विद्यार्थियों, उद्यमियों, किसानों तथा महिलाओं को कृषि संबंधी नए आइडिया पर स्टार्टअप के लिए 4 से 25 लाख रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान करता है।

हकृवि के एबिक द्वारा अब तक 250 इंक्यूबेटस को प्रशिक्षण व सहयोग दिया जा चुका है। इसके तहत 65 बेस्ट इंक्यूबेटस को स्टार्टअप करने के लिए 8 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट दे चुका है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर का मकसद युवाओं को उद्यमिता की तरफ आकर्षित करना है। उन्होंने बताया कि इस सेंटर के माध्यम से प्रशिक्षण एवं अनुदान प्राप्त करके युवाओं ने ना केवल स्वयं का रोजगार स्थापित किया है बल्कि अनेक बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है। किसानों को कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करने एवं कृषि लागत में कमी लाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।

किसानों को नवीनतम तकनीकों, उन्नत किस्म के बीजों एवं कृषि उपकरणों की जानकारी देने एवं खरीद करने के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्र की कम्पनियों द्वारा 258 स्टालें लगाई गई। मेले में उद्यमी किसानों द्वारा भी 23 स्टालें लगाई गई। कुलपति ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों एवं निजी क्षेत्र की कंपनियां की स्टालों का अवलोकन किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथि ने कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। कृषि मेला खरीफ में पहले दिन हरियाणा व अन्य राज्यों से 46 हजार किसानों ने भाग लिया। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने मेले में आए हुए सभी किसानों का स्वागत किया अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने मेेले में आए हुए सभी का धन्यवाद किया।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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