– चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना से हम गौरवान्वित : मुख्यमंत्री डॉ यादव
भोपाल, 26 जनवरी (Udaipur Kiran) । देश के 76वें गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय उत्सव में इस बार कर्तव्य पथ पर मध्य प्रदेश की झांकी ने देशवासियों का दिल जीत लिया। नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड-2025 में मध्य प्रदेश की झाँकी “चीता द प्राइड ऑफ इण्डिया’’ की थीम पर केन्द्रित रही। इसमें मध्य प्रदेश में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना की झलक देखने की मिली। मध्य प्रदेश की झांकी को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ के माध्यम से हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि चीतों का आगमन न केवल हमारे इको-टूरिज्म को प्रोत्साहन देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। ‘चीतों की ऐतिहासिक वापसी’ पर आधारित झांकी ने न केवल राज्य की समृद्ध जैव विविधता को उजागर किया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई ‘चीता पुनर्वास परियोजना’ की सफलता को भी उत्कृष्टता से रेखांकित किया। झांकी में कूनो नेशनल पार्क और वहां बसे चीतों को दिखाया गया, जिन्होंने मध्य प्रदेश को ‘चीता स्टेट’ के रूप में पहचान दिलाई है।
चीतों की ऐतिहासिक वापसी : मध्य प्रदेश की नई पहचान
वर्ष 2023 के सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को पुनर्स्थापित कर एक नया इतिहास रचा। यह परियोजना भारत के वन्य-जीव संरक्षण के व्यापक प्रयासों में एक मील का पत्थर मानी जा रही है। चीतों के सफल पुनर्वास ने मध्य प्रदेश को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है।
पर्यावरण संरक्षण में चीता मित्रों की भूमिका
झांकी में चीतों के संरक्षण और पुनर्वास में अहम भूमिका निभाने वाले ‘चीता मित्रों’ को भी प्रमुखता से दिखाया गया। ये कर्तव्यपरायण कर्मयोगी, दिन-रात पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा में जुटे रहते हैं। इनके अथक प्रयासों के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।
इको-टूरिज्म को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की वापसी ने मध्य प्रदेश के इको-टूरिज्म को भी नई ऊर्जा दी है। राज्य में आने वाले पर्यटक अब कूनो नेशनल पार्क में इन दुर्लभ चीतों को देखने के रोमांचक अनुभव कर सकते हैं। यह पहल राज्य की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में भी योगदान देगी। उन्होंने कहा कि प्राणवायु देने वाले हमारे वनों, वनस्पतियों और वन्य प्राणियों के विकास एवं संरक्षण की दिशा में हमारे प्रयास हमेशा जारी रहेंगे।
झांकी ने किया दिलों पर राज
उन्होंने कहा कि कर्तव्य पथ पर वन्य जीवन, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देती म.प्र. की झांकी ने हर भारतीय को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाया। मध्य प्रदेश की यह झांकी केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि प्रदेश के सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में किए जा रहे सार्थक प्रयासों का भी प्रतीक है।
दरअसल, भारत से 70 वर्ष पूर्व चीते विलुप्त हो चुके थे। भारत में चीतों की वापसी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को जाता है। प्रदेश में चीता परियोजना की सफलता के साथ अब मध्य प्रदेश “टाइगर स्टेट’’ और “चीता स्टेट’’ भी बन गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नदी के किनारे स्थित राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य देश में चीतों का एक नया घर है। अभयारण्य में चीतों के लिये उचित आहार और प्राकृतिक आवास मौजूद हैं। पुनर्स्थापना की सफल परियोजना के परिणाम स्वरूप कूनो में वयस्क और शावक सहित कुल 24 चीते अभयारण्य में विचरण कर रहे हैं।
प्रस्तुत झाँकी में भारत में चीतों के सफल पुनर्स्थापन को दर्शाया गया। अग्रभाग में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वयस्क चीतों का जोड़ा और कूनो में जन्मे नन्हें चीता शावकों को दर्शाया गया। झाँकी के मध्य भाग में बहती हुई कूनो नदी और इसके आसपास राष्ट्रीय उद्यान के वनावरण एवं प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए वन्य-जीव, जिनमें हिरण, बंदर, पक्षी और चीते उनकी बढ़ती हुई संख्या के साथ जैव-विविधता के लिये एक आदर्श के रूप में कूनो अभयारण्य को दर्शाया गया है।
झांकी के मध्य भाग के पिछले हिस्से में पेड़ के नीचे बैठे “चीता मित्र’’ स्थानीय निवासियों को चीता संरक्षण के बारे में प्रशिक्षित कर रहे हैं। झाँकी के अंतिम भाग में वनकर्मी वाच-टॉवर से चीतों की निगरानी करते दिखाई दे रहे हैं, जो सफल चीता परियोजना में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। झाँकी के दोनों ओर एलईडी पेनल्स के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों पर केन्द्रित फिल्म को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। झाँकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य “लहंगी’’ करते हुए नजर आए।
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(Udaipur Kiran) तोमर