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हाई कोर्ट ने पूछा- वकीलों की हड़ताल पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कैसे करेंगे

Allahabad High court

प्रयागराज, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बार काउंसिल आफ इंडिया, उप्र बार काउंसिल, बार एसोसिएशन इलाहाबाद हाई कोर्ट और जिला बार एसोसिएशन प्रयागराज को हलफनामा दाखिल कर खुलासा करने का आदेश दिया है कि वे अदालतों में वकीलों की हड़ताल पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कैसे सुनिश्चित करेंगे। आपराधिक अवमानना मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने जिला बार एसोसिएशन प्रयागराज के खिलाफ कायम आपराधिक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने माना कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सैद्धांतिक रूप से बार एसोसिएशन को हड़ताल पर जाने की अनुमति नहीं है। इस मुद्दे पर बार काउंसिल द्वारा विस्तृत चर्चा कर हल निकालने की आवश्यकता है। बार काउंसिल आफ इंडिया व उप्र बार काउंसिल की तरफ से जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ समय मांगा गया।

कोर्ट ने महानिबंधक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वकीलों की हड़ताल के कारण प्रदेश की अधिकांश जिला अदालतों का न्यायिक काम काज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कोर्ट ने रिपोर्ट की प्रति दोनों बार काउंसिल को देने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हरीश उप्पल व अन्य के केसों में वकीलों की हड़ताल को अवैध करार दिया है और कहा है कि उन्हें हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं है। इससे पहले 31 मई को कोर्ट ने जिला बार एसोसिएशन प्रयागराज के अध्यक्ष व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था कि क्यों न उनके खिलाफ हड़ताल के प्रस्ताव से अदालतों को पंगु बनाने पर न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने व अदालत की अथारिटी को कमतर करने के लिए आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाय। कोर्ट ने महानिबंधक को प्रदेश के सभी जिला जजों से रिपोर्ट प्राप्त करने का भी निर्देश दिया गया था कि एक जुलाई 2023 से 30 अप्रैल 2024 के बीच अदालतों में कितने कार्य दिवस में कितने दिन काम हुए और कितने दिन वकीलों की हड़ताल रही।

हाई कोर्ट की तरफ से अधिवक्ता सुधीर मेहरोत्रा ने पक्ष रखा और कहा कि जिला न्यायाधीश प्रयागराज ने हाई कोर्ट को रिपोर्ट भेजी थी जिस पर यह अवमानना कार्यवाही की गई है। जिला जज की रिपोर्ट के अनुसार एक जुलाई 23 से 30 अप्रैल 24 तक 218 दिन के कार्य दिवस में 127 दिन वकीलों की हड़ताल से न्यायिक कामकाज प्रभावित रहा। 41.74 फीसदी दिन काम हुआ और 58.26 फीसदी दिन वकीलों की हड़ताल से कामकाज प्रभावित रहा।

(Udaipur Kiran) /आर.एन

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / पवन कुमार श्रीवास्तव

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