
गुवाहाटी, 28 मई (Udaipur Kiran) । असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने बुधवार को राज्य में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों की समीक्षा की। राजभवन में बाढ़ से निपटने की तैयारियों को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केशव महंत भी उपस्थित रहे। बैठक में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों एवं आपसी समन्वय का जायजा लिया गया।
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न जिलों के दौरों और जिला प्रशासन के साथ बैठकों के दौरान उन्होंने देखा है कि राज्य मौसमी बाढ़ से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार है। उन्होंने पिछले वर्षों के अनुभवों से सीख लेकर रणनीति को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय बनाए रखने की बात कहते हुए सभी संबंधित विभागों से असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के साथ तालमेल में काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटना एक सामूहिक जिम्मेदारी है जो जनता की सेवा में है।
बैठक में मंत्री केशव महंत ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विकास खंडों से लेकर जिलों तक अधिकारियों के लिए फील्ड विजिट अनिवार्य कर दिए गए हैं, जिससे जमीनी स्तर की जानकारी जुटाकर व्यापक रणनीति बनाई जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि तटबंधों को मजबूत किया गया है और स्थानीय निवासियों से संवाद कर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया गया है। उन्होंने राज्यपाल को उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव एवं एएसडीएमए के सीईओ ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने राज्य भर में बाढ़ की तैयारियों से जुड़ी पहलों पर प्रस्तुति दी। इसमें आकस्मिक योजना, अवसंरचनात्मक तैयारियां और एजेंसियों के बीच समन्वय प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई।
बैठक में केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों ने भी भाग लिया और राज्य के बाढ़ प्रतिक्रिया तंत्र को समर्थन देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। राज्यपाल के ओएसडी प्रो. बेचन लाल, आयुक्त एवं सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम, एएसडीएमए की सचिव मीनाक्षी दास नाथ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
