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राज्यपाल ने नवविवाहिता द्वारा सैनिक पति की विदाई को मां जानकी का प्रेरणाश्रोत दिया करार

फोटो:राज्यपाल का भाषण
फोटो:मंच की तस्वीर

सीतामढ़ी, 10 मई (Udaipur Kiran) । बिहार में

सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम श्री जानकी जन्म स्थान स्थित सीता प्रेक्षागृह में (Udaipur Kiran) की ओर से आयोजित सीता महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वैसी वीरांगना की सराहना की,जिन्होंने दो चार दिन पहले शादी हुए नवविवाहिता अपने वीर सैनिक पति को सरहद की सुरक्षा के लिए भेज रही है। उन्होंने इस अदम्य साहस के लिए मां जानकी की प्रेरणा करार दिया।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सैनिक सुनिश्चित करते हैं कि देशवासी किस तरह सुरक्षित रहे।घर से वीर सैनिक की पत्नियां बहादुरी से अपने पति को विदा करती है।पति का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें उनके दायित्व का बोध कराती है।खुशी-खुशी अपने पति को विदा करती है।पत्नी अपने पति को साहस देती है कि वह उनके पीछे खड़ी है।उन्होंने कहा कि सैनिक भारत मां के ऐसे सपूत हैं,जो अपने जान को जोखिम में डालकर अपनी मां भारत मां को सुरक्षित रखने का काम करती है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि देश आज जिस परिस्थिति से गुजर रहा है,उसको लेकर कल रविवार देश के सभी राजभवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से देशवासी आजीज हो चुके हैं।मासूमों की काफी खून बह चुका है।आतंकवाद के खात्मे के लिए हरेक नागरिक आज देश के साथ खड़े हैं।

मां जानकी को लेकर राज्यपाल ने मां सीता के रूप का वर्णन करते हुए कहा कि रावण क्या कभी मां सीता का हरण कर सकता।लेकिन मां सीता ने सबरी की उस पथरीली आंखों,विभीषण की राम राम की जाप और उसके दर्शन को तरस और हनुमान की वीरता को दिखवाने के लिए हरण हुई। यह मां जानकी की लीला थी। मां जानकी का जन्म विश्व कल्याण को लेकर प्राकट्य हुआ था।

उन्होंने कहा कि उनका शौभाग्य है कि जिस जन्मभूमि पर मां जानकी ने जन्म लिए,उस राज्य के वह प्रथम नागरिक हैं।उन्होंने कहा कि हिन्दी प्रदेशों में ही नहीं सुदूरवर्ती दक्षिण के प्रदेशों में भी मां जानकी और भगवान श्री राम प्रेरणा के श्रोत हैं।उन्होंने कहा कि मानव की एक प्रकृति है श्रद्धा और आदर।प्रेरणाश्रोत वे होते हैं,जिनसे लाभ प्राप्त होता है।बच्चों को संस्कार और सुधारने के लिए प्रेरणा पुरुषों के साथ नारी भी हैं। इसलिए भगवान श्री राम को मर्यादा पुरूषोतम कहा जाता है। मां सीता में तो धरती का गुण उत्पत्ति और स्थिति से है।उन्होंने कहा कि ज्ञानी पुरुष आत्मा को जानने की कोशिश करते हैं।ब्रह्म और आत्म ज्ञान से प्राप्त ज्ञानी पुरुष साधारण व्यक्ति से ज्यादा मेहनत करते हैं।वे स्वार्थी नहीं होते और हमेशा मानव कल्याण में रहते हैं।

सड़क मार्ग से पटना से सीतामढ़ी पहुंचे राज्यपाल अपने संबोधन उपरांत पटना के लिए सड़क मार्ग से कूच कर गए।

(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर

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