Jharkhand

फर्जी अंगूठे लगाकर सरकार को लगाया जा रहा था चूना, एसडीओ ने पकड़ा गोलमाल

छापेमारी करते एसडीओ आशीष गंगवार
सरकार का बोर्ड
जब्त सामान
पूछताछ करते एसडीओ

कुजू में वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान के कार्यालय से बरामद हुए सैकड़ो अंगूठे के निशान

रामगढ़, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । सरकारी तंत्र को चूना लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों के लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कोई फर्जी दस्तावेज तैयार करता है, तो कोई फर्जी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देता है। लेकिन इस बार मामला आइडेंटी हैक का है। श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान ने महिलाओं की आइडेंटिटी हैक कर ली। फर्जी अंगूठे के निशान लगाकर झारखंड सरकार को चूना लगाया जा रहा था। इस पूरे गोरख धंधे का खुलासा रामगढ़ एसडीओ आशीष गंगवार ने किया है।

उन्होंने रामगढ़ जिले के कुजू श्री राम चौक के पास वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान के कार्यालय में छापेमारी की, जहां भारी मात्रा में अंगूठे के निशान पाए गए हैं। प्रथम दृष्ट्या उन्होंने इसे आइडेंटिटी हैक का मामला बताया है। उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम पर थंब लगाने के लिए रबड़ के अंगूठे बनाकर कंपनी के दफ्तर में रखे गए थे। यह कंपनी लोगों को रोजगारपरक तकनीक का प्रशिक्षण देती थी। यहां कई महिलाएं मौजूद थी, लेकिन अधिकारियों का जवाब संतोषजनक वह नहीं दे पाए।

नर्सिंग, सिलाई, कंप्यूटर, पार्लर जैसी कई स्किल की मिलती थी ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री सारथी योजना अंतर्गत बिरसा योजना के तहत वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान के द्वारा महिलाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जा रहा था। उनके प्रशिक्षण केंद्र में नर्सिंग, सिलाई, कंप्यूटर, पार्लर सहित अन्य कई तरह के प्रशिक्षण महिलाओं को मिलते थे। जांच के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं ने एसडीओ को यह बताया कि कंपनी के द्वारा उनके अंगूठे के निशान जैसे ही रबड़ के अंगूठे बनवाए जाते थे। साथ ही उन्हें यह झांसा दिया जाता था कि जिस दिन वह लोग अनुपस्थित रहेंगी, उनके अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम में उन्हें अंगुठे के आधार पर लगाया जाएगा।

कंपनी के मालिक गोविंद सिंह और मैनेजर दिव्या जायसवाल की भूमिका संदिग्ध

एसडीओ आशीष गंगवार ने बताया कि कंपनी के मालिक गोविंद सिंह बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं। मैनेजर दिव्या जायसवाल जमशेदपुर की रहने वाली है। उन दोनों की भूमिका काफी संदिग्ध है। कार्यालय में मिले सारे संदिग्ध वस्तुओं को जप्त कर लिया गया है और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूरी जांच के बाद ही कानूनी प्रक्रिया की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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