-आधुनिक श्मशान भट्टी के उपयोग से दाह संस्कार में लगभग 40 से 50 फीसदी लकड़ी की बचत होगी
-राज्य में अब तक 8100 से अधिक लागई जा चुकी हैं आधुनिक श्मशान भट्ठियां: मंत्री मुलुभाई बेरा
अहमदाबाद, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने नए पेड़ लगाने और मौजूदा पेड़ों को बचाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’, ‘नमो वड वन’, विभिन्न सांस्कृतिक वन और सामाजिक वनीकरण सहित अनेक नई पहल शुरू की है। गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए) की श्मशान गृहों में लकड़ी-आधारित ‘आधुनिक श्मशान भट्ठी’ लगाने की सहायता से राज्य में लगभग 8100 श्मशान भट्ठियां लगाई गई हैं।
दरअसल, हिन्दू परंपरा में व्यक्ति की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए बड़ी संख्या में सूखी लकड़ी का प्रयाेग किया जाता है। इस परंपरा को बनाए रखने के साथ ही लकड़ी की बचत करने और पेड़ों को कटने से रोकने के दृष्टिकोण एवं उद्देश्य के साथ गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए) ने श्मशान गृहों में लकड़ी-आधारित ‘आधुनिक श्मशान भट्ठी’ लगाने की सहायता योजना क्रियान्वित की है। जलवायु परिवर्तन मंत्री मुलुभाई बेरा ने बताया कि वृक्ष बचाने के उम्दा उद्देश्य के साथ शुरू की गई इस सहायता योजना के अंतर्गत अब तक राज्य के विभिन्न गांवों और शहरों में लगभग 8100 से अधिक आधुनिक श्मशान भट्ठियां लगाई गई हैं।
जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत अब तक राज्य के सभी जिलों को कवर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ‘आधुनिक श्मशान भट्ठी’ के उपयोग से मृत देह के दाह संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी में लगभग 40 से 50 फीसदी की बचत होगी, साथ ही इससे मृत देह के दहन में लगने वाला समय भी कम हो जाता है। गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा इस योजना को 2015-16 से ग्राम पंचायत, तालुका पंचायत, नगर पालिका, महानगर सेवा सदन के स्वामित्व वाले श्मशान गृहों में कार्यान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए टोकन के रूप में एक हजार रुपये का सार्वजनिक योगदान लिया जाता है, जबकि शेष राशि का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाता है। इस श्मशान भट्टी के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, नगरपालिका और महानगर पालिका की होती है।
ऐसे करें आवेदन
इस सहायता योजना के तहत अपने गांव या शहर में आधुनिक श्मशान भट्ठी लगाने के लिए आवेदन पत्र में पिन कोड के साथ गांव या शहर का पूरा पता, उस स्थान का पता जहां श्मशान भट्ठी लगाई जानी है, गांव के सरपंच/ दो जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम और मोबाइल नंबर लिखना होगा। साथ ही, लाभार्थी-सार्वजनिक योगदान के अंतर्गत गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी, गांधीनगर के नाम पर और गांधीनगर में देय 1000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट तथा श्मशान भट्ठी के रखरखाव/मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत/तालुका पंचायत/नगर पालिका/महानगर पालिका की होगी, इससे संबंधित एक वचन पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा।
(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय