नई दिल्ली, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने 2014 से इथेनॉल मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के कई उपाय किए हैं। यह जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
मंत्री ने बताया कि इन उपायों में इथेनॉल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत गन्ना आधारित इथेनॉल की खरीद के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र, ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत करना प्रमुख है। इसके अलावा 2018-22 के दौरान गुड़ के साथ-साथ अनाज से इथेनॉल उत्पादन के लिए ब्याज अनुदान योजनाओं (ईआईएसएस) की शुरुआत और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा समर्पित इथेनॉल संयंत्रों (डीईपी) आदि के साथ दीर्घकालिक खरीद समझौते (एलटीओए) शामिल हैं।
इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसी के लिए इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति 2506 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है। वर्ष 2013-14 से इथेनॉल आपूर्ति, वर्ष 2023-24 के दौरान अनुमानित 4828 करोड़ लीटर तक, तथा मिश्रण प्रतिशत में 1.53% से 14.60% की वृद्धि हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से पिछले दस वर्षों में लगभग 185 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन हुआ है। इससे कार्बन डायक्साइड में लगभग 557 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है।
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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव