

-मुख्यमंत्री
नायब सिंह सैनी ने 104 करोड़ रुपये की 4 परियोजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास
सोनीपत, 18 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार की संत-महापुरुष सम्मान विचार एवं प्रसार योजना
के तहत सोनीपत में रविवार को आयोजित श्री गुरु गोरखनाथ प्रकटोत्सव राज्य स्तरीय समारोह
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि श्री गुरु गोरखनाथ प्रकटोत्सव
संतों की शिक्षाओं का सम्मान है। संतों-महापुरुषों की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने
के सरकार के संकल्प को दोहराया।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि संतों द्वारा दिखाए मार्ग पर चलकर
सरकार हर वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित है, विशेष रूप से गरीबों के जीवन
स्तर को ऊपर उठाने का ध्येय रखती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सोनीपत में एक चौक
का नाम श्री गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखने और जोगी समाज की धर्मशालाओं के लिए 31 लाख
रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 104 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं का उद्घाटन
और शिलान्यास किया, जिनमें 84.82 करोड़ की तीन परियोजनाओं का शिलान्यास और 19.23 करोड़
की एक परियोजना का उद्घाटन शामिल है। उन्होंने कहा कि संतों की शिक्षाएं मानव समाज
की धरोहर हैं और उनकी विरासत को संभालना हम सबकी जिम्मेदारी है।
समारोह में मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा की, जिसे
उन्होंने राष्ट्रीय आत्मा की गरिमा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों को मात्र तीन घंटे
में नष्ट कर दुनिया को भारत की सैन्य ताकत दिखाई। सैनी ने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद
को बर्दाश्त नहीं करेगा और पूरा देश सेना व प्रधानमंत्री के साथ है।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोरखनाथ के योग योगदान को याद करते
हुए कहा कि उनके मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री मोदी ने योग को वैश्विक पहचान दिलाई। वर्ष
2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।
हरियाणा में योग को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक योग शिक्षा
अनिवार्य की गई है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी योग सिखाया जा रहा है। हरियाणा
योग आयोग के गठन और 687 व्यायामशालाओं के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में योग को
प्रोत्साहन मिल रहा है।
सैनी ने कहा कि सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही
है। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि सभी के जीवन
को सरल और सुगम बनाया जा सके। यह समारोह संतों की शिक्षाओं को जीवंत करने और समाज में
एकता व समृद्धि का संदेश देने में महत्वपूर्ण रहा।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
