हरिद्वार, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कलश यात्रा लेकर चामुंडा देवी मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं को वन विभाग की टीम ने गूरुवार काे बिल्केश्वर मंदिर के आगे जाने से रोक दिया। श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमों का हवाला दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने गेट पर ही कलश स्थापित कर दिया।
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन प्राचीन मां चामुुंडा देवी उत्थान समिति और देवभूमि भैरव सेना संगठन ने हरकी पैड़ी से चामुंडा देवी मंदिर तक कलश यात्रा निकाली। हरकी पैड़ी से शुरू हुई कलश यात्रा अपर रोड, पोस्ट ऑफिस, वाल्मीकि चौक होते हुए बिल्केश्वर मंदिर पहुंची, जहां पहले से ही तैनात वन विभाग की टीम ने यात्रा को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर श्रद्धालुओं ने नारेबाजी करते हुए विरोध किया। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमों का हवाला देते हुए समझाने पर श्रद्धालु कलश को बिल्केश्वर मंदिर में स्थापित कर वापस लौट गए।
प्राचीन चामुंडा देवी उत्थान समिति के सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं को प्राचीन चामुंडा देवी मंदिर जाने से रोक दिया जाता है। इस वर्ष भी समिति ने मंदिर जाने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन पार्क प्रशासन ने श्रद्धालुओं को रोक दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर में कलश स्थापना के प्रयास जारी रहेंगे। देवभूमि भैरव सेना संगठन के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह ने बताया कि चामुंडा देवी मंदिर में कलश स्थापना हिंदू समाज की भावनाओं से जुड़ा है। राजाजी पार्क और वन क्षेत्र स्थित अन्य मंदिरों में जब पूजा-अर्चना की अनुमति है तो वन विभाग को श्रद्धालुओं को चामुंडा देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने की अनुमति के लिए भी रास्ता निकालना चाहिए।
वन विभाग के डिप्टी रेंजर जीपी बहुगुणा ने बताया कि यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन में वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। कलश यात्रा में आशीष रवि, जयनाथ, हरप्रीत, सत्यम, सौरभ शर्मा, संदीप नाथ, पंडित तोताराम, बख्शी चौहान, सत्येंद्र यादव, अनिल सैनी आदि शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला