Jammu & Kashmir

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अस्तित्व की लड़ाई है, न कि तुच्छ राजनीति की लड़ाई- भाजपा

जम्मू, 28 मई (Udaipur Kiran) । पहलगाम हत्याकांड के बाद आतंकवाद के खिलाफ सावधानीपूर्वक और कुशलतापूर्वक निष्पादित की गई कार्रवाई ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की संयम की नीति में बदलाव को दर्शाते हुए नई सामान्य स्थिति को परिभाषित किया बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका में भी धकेल दिया।

भारत न केवल भारत या दक्षिण एशिया में बल्कि पूरे महाद्वीप में मानवता के अस्तित्व के लिए राष्ट्रों, देशों, समाजों, थिंक टैंकों और अन्य लोगों को एकजुट कर रहा है। यह बात पूर्व एमएलसी और भाजपा जम्मू कश्मीर के प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने कही।

भाजपा की प्रवक्ता रजनी सेठी और जम्मू-कश्मीर भाजपा के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप महोत्रा ​​के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

जीएल रैना ने अवसरवादी विपक्षी दलों की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से हटकर तुच्छ राजनीतिक मुद्दों पर बयानबाजी करने की आलोचना की। ये विपक्षी दल भारत और दुनिया भर के अन्य देशों में सीमा पार आतंकवाद के निर्माण कारखाने और प्रायोजक पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जीएल रैना ने लोगों को शांति, प्रगति, समृद्धि और विकास के लिए हानिकारक सभी ताकतों की पहचान करने और उन्हें बेनकाब करने के लिए आगाह किया। यह मानवता के अस्तित्व के लिए संघर्ष है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति उचित समय का इंतजार कर सकती है। मोदी सरकार पूरे देश को विश्वास में लेने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है जैसा कि भारतीय दृष्टिकोण को विश्व समुदाय तक ले जाने के लिए सांसदों और अन्य लोगों की टीमों के चयन में दिखाई देता है। ये प्रतिनिधिमंडल केवल भारत सरकार के दूत नहीं हैं वे कहानी के आर्किटेक्ट और रणनीतिक संचारक हैं। स्पष्टता बहाल करने और ‘दो-राष्ट्र सिद्धांत’ की सांप्रदायिकता में निहित पाकिस्तान की कहानी का मुकाबला करने का काम सौंपा गया है। वे पाकिस्तान को राज्य कला के रूप में आतंक के इस्तेमाल के लिए भी बेनकाब कर रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी मानदंडों की अखंडता के लिए एक वैश्विक चुनौती है।

रजनी सेठी ने कहा कि कायरतापूर्ण कृत्य में, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमारे देश में हिंदुओं को निशाना बनाया पहलगाम की घटना के दौरान नागरिकों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया। क्रूरता के दिल दहला देने वाले प्रदर्शन में उन्होंने पतियों को मार डाला और हिंदू महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटा दिया। जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जो एक निर्णायक मिशन था जिसने पाकिस्तान भर में कई आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। सिंदूर सिर्फ एक प्रतीक नहीं है – यह भारतीय महिलाओं की गरिमा और पहचान का प्रतिनिधित्व करता है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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