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जम्मू, 21 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, श्रीमहाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर को लेकर जम्मूवासियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। जम्मू के रघुनाथ मंदिर, रणबीरेश्वर मंदिर और अन्य शिवालयों में भव्य तैयारियां चल रही हैं। शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाने के लिए श्रद्धालु जुटने लगे हैं। भक्तजन व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करेंगे और रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा। शहर के बाजारों में बेलपत्र, फूल, फल, पंचामृत, धूप और गंगाजल की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ने लगी है। मिठाई की दुकानों पर पेड़े और पंचामृत प्रसाद की मांग बढ़ गई है। वहीं, कई जगहों पर शिवभक्तों के लिए भंडारे भी लगाए जाएंगे।
शिवरात्रि के अवसर पर जम्मू में शिव बारात निकाली जाएगी, जिसमें श्रद्धालु शिव-गणों की झांकी के साथ नृत्य करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव मनाएंगे। पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंदिरों और प्रमुख स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन श्रीमहाशिवरात्रि मनाई जाती है महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिये विशेष महत्व रखती हैं। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री ने महाशिवरात्रि के विषय में बताया शिवभक्तों का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। इस त्योहार का भक्तगण पूरे साल इंतजार करते हैं और महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में जुटने लगते हैं। इस वर्ष सन् 2025 ई. को महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। पर उन सभी में सबसे महत्वपूर्ण फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि होती है,फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन ही भगवान शिव की लिंग रूप में उत्पत्ति हुई थी। ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी सुबह 11 बजकर 09 मिनट से शुरू हो रही है, जो 27 फरवरी सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए इस वर्ष महाशिवरात्रि का यह त्योहार 26 फरवरी बुधवार को ही मनाना उचित होगा।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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