चंदेरी, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) । चंदेरी में बुधवार को दशलक्षण पर्व के समापन के दौरान क्षमा वाणी पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया, नगर में विराजमान 108मुनि श्री महासागर महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री जी की शोभा यात्रा निकाली गई, जो कि नगर के प्रमुख मार्गों सदर बाजार, बजरिया मोहल्ला, पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर होती हुई अपने गंतव्य महावीर जैन धर्मशाला पहुंची, शोभायात्रा में बड़े ही उत्साह एवं उमंग के साथ निकाली गई, शोभा यात्रा में पुरुष एवं महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान को पहन कर क्रमबद्ध तरीके से चल रहे थे, महिलाएं शोभायात्रा में जिनवाणी मां को पालकी में विराजमान कर चल रही थी, छोटे-छोटे बच्चे उनके पीछे हाथों में ध्वज लेकर चल रहे थे खंदार सेवादल की प्रस्तुति शोभा यात्रा में चार चांद लगा रही थी, श्री जी की शोभा यात्रा महावीर जैन धर्मशाला पहुंची, वहां श्री जी को पांडुक शिला पर विराजमान कर अभिषेक एवं शांति धारा की गई, अभिषेक शांति धारा पश्चात मुनिश्री ने क्षमावाणी पर्व के उपलक्ष्य में प्रवचनों के माध्यम से कहा कि हम सभी को अपने कर्मों की निर्जरा करना है और दश धर्म के माध्यम से अपनी-अपने जीवन में राग-द्वेष को ना पालते हुए, कषायों को त्याग कर अपनी आत्मा का कल्याण करना है, सांसारिक जीवन में रहते हुए हम सभी किसी न किसी रूप में एक दूसरे से वैर कर लेते हैं, क्षमा बाणी के दिन हम सभी को एक दूसरे से क्षमा मांगना चाहिए, और अपने कर्मों की निर्जरा करनी चाहिए, क्षमा वाणी पर्व के उपलक्ष्य में श्रावक श्रेष्ठी परिवार अनिल कुमार जैनिश कुमार रोकड़िया के द्वारा सामूहिक भोज का आयोजन भी रखा गया।
*दशलक्षण पर्व के समापन पर पाड़ना कार्यक्रम हुआ संपन्न*
दशलक्षण पर्व के समापन पश्चात लगातार दिन 10 उपवास करने वालों की पाड़ना का कार्यक्रम नगर के जाने-माने श्रावक श्रैष्ठी परिवार कुंवर पदम सिंह, दिलीप सिंह, प्रदीप सिंह परिवार के यहां सानंद संपन्न हुई, इस हेतु उनके परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा महावीर जैन धर्मशाला पहुंचकर लगातार 10 उपवास करने वालों को ढोल नगाड़ों के साथ भजन कीर्तन करते हुए अपने निज निवास पर लाकर एवं घर के प्रवेशद्वार पर सभी उपवास करने वालों का क्रम क्रम से माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया, तत्पश्चात विधि विधान से सभी उपवास करने वालों की पाड़ना संपन्न कराई, पाड़ना कार्यक्रम में 10 उपवास करने वालों में लगभग समाज की 25 बहने एवं महिलाएं शामिल रही, अंत में ऐसे श्रावक श्रैष्ठी परिवार के द्वारा उपवास करने वालों को उपहार भी दिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार/निर्मल
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा