नई दिल्ली, 02 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में साफ किया है कि अगर अदालत में किसी आरोपित के खिलाफ सबूत ऐसी भाषा में रिकॉर्ड किए जाते हैं, जिसे वो समझता नहीं है तो ऐसी स्थिति में आरोपित को उसकी भाषा में ही समझाया जाना चाहिए। आरोपित के लिए उसका अनुवाद होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में आरोपित को बरी करते हुए पब्लिक प्रासिक्यूटर, लीगल एड और ट्रायल कोर्ट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। कोर्ट ने इस फैसले की कॉपी सभी स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को भेजने का निर्देश दिया है।
(Udaipur Kiran) संजय कुमार
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(Udaipur Kiran) पाश