
नई दिल्ली, 24 मई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विकसित भारत का सपना विकसित राज्यों के माध्यम से ही साकार हो सकता है। उन्होंने सभी राज्यों, जिलों और गांवों से 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए काम करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में 24 राज्यों और 7 केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया। बैठक की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में एक मिनट के मौन से हुई। इस वर्ष बैठक का विषय था—विकसित भारत 2047 के लिए विकसित राज्य।
प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों से नागरिक सुरक्षा को संस्थागत बनाने का आह्वान किया।
बैठक में मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, आतंकी ढांचे पर सटीक कार्रवाई और विकसित भारत के लिए उठाए गए राज्य स्तरीय कदमों की जानकारी दी।
शहरी विकास पर प्रधानमंत्री ने टियर 2 और टियर 3 शहरों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने योजनाबद्ध शहरीकरण और 1 लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष का उल्लेख किया।
कौशल विकास को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में इसका विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि एआई, सेमीकंडक्टर, 3डी प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है, जिससे ग्रामीण प्रशिक्षण केंद्रों और आधुनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।
जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य स्तर पर नदी ग्रिड बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने बिहार की कोसी-मोची कनेक्शन ग्रिड की सराहना की।
महिला सशक्तिकरण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए काम के अनुकूल कानूनों और सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने साइबर सुरक्षा और हरित ऊर्जा को भी भविष्य के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन संयंत्रों की समीक्षा, टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी जैसे डिजिटल साधनों को अपनाने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे वैश्विक मानकों के अनुसार कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित करें। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन ने भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया है और अब राज्यों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में 25-30 वैश्विक पर्यटन स्थल बनाए जा सकते हैं जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे।
बैठक में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग से ‘निवेश अनुकूल चार्टर’ तैयार करने को कहा ताकि निवेशकों के लिए एक स्पष्ट दिशा और समर्थन मिल सके। उन्होंने कहा कि यूएई, यूके और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए व्यापार समझौतों का लाभ उठाना चाहिए। केंद्र सरकार ने विनिर्माण मिशन की घोषणा की है और राज्य इसमें भागीदारी करें।
प्रधानमंत्री ने नीति आयोग से राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों का अध्ययन कर उन्हें आगे की कार्ययोजना में शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह बैठक नीति आयोग की 10 वर्षों की यात्रा में एक मील का पत्थर है और 2047 की दिशा में साझा प्रयासों को मजबूत करने का अवसर है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
