Uttrakhand

जिलाधिकारी ने बैठक लेकर विभागों को शीतकाल में व्यवस्थाओं का बेहतर संचालन करने के दिए निर्देश

गोपेश्वर में शीतकाल की तैयारियों की बैठक लेते हुए डीएम।

गोपेश्वर, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शीतकाल में बर्फवारी एवं प्राकृतिक आपदा से क्षति को कम करने के लिए पूर्व तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने सोमवार को सभी विभागों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया है कि शीतकाल में सड़क, विद्युत, पेयजल, खाद्यान्न आपूर्ति एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित की जाए और शीतकाल में विशेष सर्तकता रखते हुए अवरुद्ध व्यवस्थाओं को तत्काल सुचारू करना सुनिश्चित किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि शीतकाल में जनपद के पर्यटक स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों का आवागमन होता है। शीतकाल में बर्फवारी एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सड़क एवं संपर्क मार्ग अवरुद्ध होने तथा मूलभूत सुविधाएं बाधित होने की पूरी संभावनाएं रहती हैं, जिससे आम नागरिकों को भी असुविधा होती है। उन्होंने सड़क निर्माणदायी संस्थाओं को निर्देशित कि पर्याप्त संख्या में जेसीबी, डोजर एवं अन्य संसाधन को प्रमुख स्थानों पर तैनात रखें और आपसी समन्वय के साथ अविलंब सड़क मार्गो को सुचारू किया जाए। ताकि पर्यटकों एवं नागरिकों को कठिनाई न हो। पाला प्रभावित क्षेत्रों में सड़क के दोनों तरफ चेतावनी साइनबोर्ड लगाने के साथ चूना डालकर सड़क को सुरक्षित रखे। बरसात में आपदा से हुई क्षति का मूल्यांकन करते हुए पुनर्निर्माण के प्रस्ताव शीघ्र उपलब्ध करें। जिलाधिकारी ने एनएच रुद्रप्रयाग को चमोली-गोपेश्वर-चोपता राष्ट्रीय राजमार्ग शीघ्र ठीक कराने, शीतकाल में मंडल क्षेत्र में मशीन तैनात रखने और सप्ताह में एक दिन चमोली में मौजूद रहने के सख्त हिदायत दी।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि बर्फबारी से पूर्व दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न सामग्री का आवश्यक भण्डारण सुनिश्चित किया जाए। पुलिस विभाग को संवेदनशील स्थानों पर राहत एवं बचाव दल तैनात करने और स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा सेवाएं और संसाधनों के साथ तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने कहा कि बर्फबारी वाले क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं को संभावित डिलीवरी की तिथि से पूर्व अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराना सुनिश्चित करें। शीतकाल में पशु चारा और पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए जरूरी दवाइयां स्टोर की जाए। आवारा पशुओं को गोसदन में रखा जाए। नगर निकायों में प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाने के साथ असहाय लोगों कि लिए कंबल वितरण और रेन बसेरों में आश्रय की व्यवस्था की जाए।

विद्युत विभाग को लाइन के आसपास पेड़ों की लोपिंग करने और पर्याप्त संख्या में ट्रांसफार्मर, खम्बे, तार इत्यादि एवं उरेडा को सोलर लाइटों का भण्डारण एवं वितरण करने को कहा है। दूरसंचार लाइन क्षतिग्रस्त होने की दशा में तत्परता से कार्य करते हुए अविलंब सेवाएं बहाल करने के निर्देश दिए है। जल संस्थान एवं जल निगम को पाइपों का भण्डार रखते हुए शीतकाल में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखने के निर्देश दिए हैं।

जिला पंचायत को बर्फबारी के कारण पैदल मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग चिह्नित करने के निर्देश दिए है। पर्यटन विभाग को होटलों, रेस्टोरेंट एवं ढाबों में रेट लिस्ट और आपातकालीन परिचालन केंद्र के दूरभाष नंबर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। शीतकाल में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए वन विभाग के अधिकारियों को शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करने को कहा। जिलाधिकारी ने तहसीलों को भी निर्देश जारी करते हुए आवश्यक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था के साथ असहाय लोगों के लिए रैन बसेरा, राहत शिविर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र गोपेश्वर चमोली 24 घण्टे संचालित होगा।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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