— सजा के तौर पर छोटे मैदान में हुई थी नियुक्ति, जुगाड़ से की वापसी
कानपुर, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारत और बांग्लादेश के बीच ग्रीनपार्क स्टेडियम में 27 सितम्बर से टेस्ट मैच होने जा रहा है। ऐसे में लोगों की निगाहें पिच बनाने वाले क्यूरेटर पर टिकी हैं कि अबकी बार क्यूरेटर में बदलाव हुआ है कि नहीं। इस पर जानकारी की गई तो सूत्र बताते हैं कि उसी क्यूरेटर को फिर से जिम्मेदारी दी गई है जो कई बार पिच मामले में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की किरकिरी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर करा चुके हैं। यही नहीं यूपीसीए ने सजा के तौर पर उन्हे छोटे मैदान पर नियुक्ति कर दी थी, लेकिन जुगाड़ के दम पर फिर वापसी की है और टेस्ट मैच के लिए एक बार फिर विकेट निर्माण की कमान उसी के हाथ पर है। वहीं यूपीसीए के जिम्मेदार मामले को लेकर विकेट निर्माणकर्ता की पहुंच को देखते हुए कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
ग्रीनपार्क स्टेडियम की पिच बीते कुछ सालों से विवादों के घेरे में रही है। कई अन्तर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट मैचों की श्रृंखलाओं के दौरान पिच निर्माण को लेकर यूपीसीए की किरकिरी भी हो चुकी है लेकिन संघ ने उससे भी सबक नहीं लिया है। पिच निर्माण के मामले में यूपीसीए की किरकिरी कराने वाले विकेट निर्माणकर्ता को इसके लिए सजा के तौर पर वहां से हटाकर छोटे मैदान में नियुक्त भी कर दिया गया था। इसके बावजूद भी विकेट निर्माणकर्ता आज ग्रीनपार्क के विकेट निर्माण में सर्वेसर्वा की भूमिका का निर्वाहन कर रहें हैं। यूपीसीए के आलाअधिकारियों को मैच में किरकिरी कराने वाले पर इतना अधिक भरोसा है कि वह उनके बिना विकेट बनाने के बारेमें सोच भी नहीं सकते। ग्रीनपार्क के पूर्व विकेट निर्माणकर्ता को भारत–बांग्लोेदश के बीच 27 सितम्बर से होने वाले टेस्ट मैच के लिए एक बार फिर से ग्रीनपार्क के पिच की कमान सौंप दी गयी है। जबकि उन्हे इससे पूर्व साल 2021 में खेले गए भारत–न्यूजीलैण्ड वाले टेस्ट मैच में पिच की असमतल उछाल और अभ्यास पिचों के गलत व्यवहार के चलते कमला क्लब स्थानान्तरित कर दिया गया था जो उनके लिए सजा के बराबर थी।
निदेशक की मेहरबानी
27 सितम्बर से ग्रीन पार्क स्टेडियम में शुरु हो रहे भारत और बांग्लोदश के टेस्ट मैच को लेकर ग्रीन पार्क स्टेडियम में तैयारियों का दौर तेजी से चल रहा है। विकेट निर्माणकर्ता स्टेडियम की मुख्य से लेकर अभ्यास विकेटों के निर्माण कार्य में पूरी तरह से व्यस्त हैं जबकि बोर्ड से पास एक और विकेट निर्माणकर्ता जो वर्तमान समय में ग्रीनपार्क में नियुक्त हैं उनको दरकिनार किया जा रहा है। यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि ग्रीनपार्क के पूर्व विकेट निर्माणकर्ता पर संघ के ही एक निदेशक की मेहरबानी पूरी तरह से है जिनके दम पर वह ग्रीनपार्क में अपनी उपयोगिता दिखा पा रहे हैं उनपर किसी का भी दबाव नहीं हैं। सूत्र यह भी बतातें हैं कि पूर्व विकेट निर्माणकर्ता अपने कार्य के अलावा भी सभी के कार्यों में हस्तक्षेप करने से गुरेज नहीं करते। इस समय वह कई अधिकारियों को भी अपने अरदब में लेकर मैच के सबसे बड़े आयोजक की भूमिका में दिखायी दे रहें हैं।
आईसीसी तक पहुंच चुकी है शिकायत
ग्रीनपार्क के विकेट के बारे में देखा जाए तो ये घटनाक्रम साल 2008 से निरन्तंर ही जारी है जब सबसे पहले भारत-अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच केवल तीन दिनों में ही खत्म हो गया था। इसके बाद श्रीलंका के कप्तान कुमार संगाकारा ने यहां पर खेले गए एक दिवसीय मैच में हार के लिए यहां के खराब विकेट को ही ठहराया था। उसी साल रणजी ट्राफी के मैच में पश्चिम बंगाल के कप्तान सौरव गांगुली ने विकेट को लेकर नाराजगी जताई थी। इसके बाद से तो यह परम्परा बन गई कि यहां की विकेट को लेकर खिलाड़ियों में शिकायत रहती थी। कई कप्तानों ने यहां की विकेट को लेकर शिकायत आईसीसी तक की। बीते साल 2021 के नवम्बर में भारत–न्यूजीलैण्ड टेस्ट मैच में पिच के खराब व्यवहार की शिकायत वहां के प्रबन्धतन्त्र ने भारतीय बोर्ड के सदस्य से की थी। शिकाय से नाराज संघ के पदाधिकारियों ने खराब पिच को लेकर उस विकेट निर्माणकर्ता को हटाकर दूसरे की नियुक्ति कर दी। अब वह फिर से लौटकर ग्रीनपार्क में विकेट बनवाने का काम बखूबी कर रहे हैं। खराब विकेट बनाने को लेकर जिसको सजा के तौर पर वहां से हटाया गया था आज वह फिर से वहीं मजा ले रहा है। इस मामले के लिए संघ के सचिव अरविन्द श्रीवास्तव को फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंने उत्तर देना गवारां नहीं समझा।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह