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पहलगाम नरसंहार के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : केंद्रीयमंत्री सुकांत मजूमदार

सुकांत मजूमदार

-आईबी अधिकारी मनीष रंजन मिश्रा की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

कोलकाता, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए पश्चिम बंगाल के आईबी अधिकारी मनीष रंजन मिश्रा की अंतिम यात्रा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आतंकियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस नृशंस हत्याकांड के पीछे जो भी आतंकवादी और उनके सरगना शामिल हैं, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।मनीष मिश्रा उन तीन पर्यटकों में शामिल हैं, जिनकी मंगलवार को आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। गुरुवार सुबह उनका पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट लाया गया, जहां से उनकी पत्नी शव लेकर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला स्थित झलदा के लिए रवाना हुईं। झलदा मिश्रा का पैतृक निवास स्थान है, जहां उनका जन्म और स्कूली जीवन बीता था।जब उनका पार्थिव शरीर झालदा पहुंचा, तो पूरे नगर के लोग सड़कों पर उतर आए और शव वाहन के पीछे चलने लगे। स्थानीय लोगों ने गुरुवार को मनीष मिश्रा की याद में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे का बंद भी रखा।झलदा में आयोजित अंतिम यात्रा में सुकांत मजूमदार भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, पहलगाम में जो हुआ वह अत्यंत भयावह था। मैं उस समय संयोगवश पुरुलिया में ही था, इसलिए इस बहादुर सपूत को श्रद्धांजलि देने आया। पूरे देश को यह जानना चाहिए कि पर्यटकों को चुन-चुन कर मारा गया। मनीष मिश्रा की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वे ‘कलमा’ नहीं पढ़ सके। इसके बावजूद कुछ नेता आज भी कह रहे हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। ऐसे नेता सच्चाई से मुंह चुरा रहे हैं।मनीष मिश्रा फिलहाल हैदराबाद में तैनात थे और वहीं अपने परिवार – पत्नी, बेटे और बेटी – के साथ रहते थे। उनका पहले झारखंड की राजधानी रांची में पदस्थापन था, हाल ही में उन्हें हैदराबाद स्थानांतरित किया गया था।परिवार के सदस्यों ने बताया कि मनीष 15 अप्रैल को अपने परिवार के साथ एक लंबी छुट्टी पर हैदराबाद से निकले थे। उनका उद्देश्य माता वैष्णो देवी मंदिर दर्शन करना भी था, लेकिन कश्मीर यात्रा के दौरान यह हमला हो गया। सरकारी एजेंसियां अब इस हमले की गहराई से जांच कर रही हैं और सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बर्बर हमले के गुनहगारों को हर हाल में सजा दी जाएगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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