कानपुर, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । आठवीं में पढ़ने वाली छात्रा से साल 2016 में आरोपित ने घर में घुसकर छेड़छाड़ की थी। इस मामले में में एडीजे-22 ने आरोपित को चार साल की सजा सुनाई है। छात्रा के पिता ने आरोपित को रंगे हाथ पकड़ा था। आखिरकार इस मामले में नौ साल बाद पीड़िता को इंसाफ मिला है।
पनकी थाना क्षेत्र में रहने वाले पीड़ित के पड़ोस में रहने वाला आरोपित अमन गौतम उनकी 14 साल की बेटी को बीते दो महीनों से छेड़छाड़ कर परेशान कर रहा था। छात्रा इस घटना से इतना डर गई थी कि उसने किसी को कुछ भी नहीं बताया। इसी बात का फायदा उठाते हुए 20 नवंबर 2016 को आरोपित ने छात्रा को घर में अकेला पाकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। तभी छात्रा के पिता घर पहुंचकर आरोपित को रंगे हाथ पकड़ लिया। हालांकि वह मौके से भाग निकला। पीड़ित ने आरोप के खिलाफ पनकी थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था।
आरोपित की गिरफ्तारी होने के बाद मामला कोर्ट पहुंचा जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश किए गए थे। आखिरकार नौ सालों के लंबे इंतजार के बाद एडीजे 22 योगेश कुमार ने अमन को दोषी करार देते हुए 20 हजार रुपये का जुर्माना और चार साल की सजा सुनाई है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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