
जालौन, 28 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जालौन में 14 साल पहले दहेज की अतिरिक्त मांग पूरी न होने पर पति ने अपने परिजनों के साथ मिलकर पत्नी की जहर देकर हत्या कर दी थी। इस मामले में शुक्रवार को न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार द्वितीय HJS ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पति को दोषी मानते हुए 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई साथ ही 17 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है।
इस मामले की पैरवी करने वाले अपर शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम ने बताया कि कुठौंद थाना क्षेत्र के ग्राम हदरुख के रहने वाले दशरथ पुत्र स्वर्गीय सदू ने जालौन के ग्राम हरकौती के रहने वाले शंकर, उसके पिता लल्लू राम, मां कुंती देवी, भाई उमेश चंद्र, जीजा जितेंद्र तथा ननद सोना देवी के खिलाफ धारा 304 B, 498A, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत न्यायालय के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें दशरथ ने बताया था कि उसकी बेटी रीना की 30 दिसम्बर 2010 को सभी लोगों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर जहर दे दिया था, जिसकी 2 जनवरी 2011 को मृत्यु हो गई थी। इस मामले में क्षेत्राधिकारी द्वारा जांच की गई, जांच में पति शंकर, ससुर लल्लू राम और सास कुंती देवी का नाम प्रकाश में आया।
जिस पर उक्त लोगों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए गए। ट्रायल के दौरान ससुर लल्लू सिंह की मृत्यु हो गई, जबकि कुंती देवी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला। शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा की गई बहस के बाद साक्ष्य, गवाहों के आधार पर पति शंकर को दोषी पाया गया। जिसके बाद न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवकुमार द्वितीय द्वारा पति शंकर को 7 वर्ष के कारावास की सजा साथ ही 17,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके बाद दोषी को पुलिस ने अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
