
चित्तौड़गढ़, 20 जून (Udaipur Kiran) । अनुकंपा नियुक्ति के मामले में रिश्वत मांगे जाने एवं ट्रेप कार्रवाई के दौरान कार्मिकों को शक हो जाने के बाद रिकाॅर्डिंग और अन्य सबूतों के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर ने चित्तौड़गढ़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारी एवं वरिष्ठ सहायक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया है। यह मामला अप्रेल माह का है।
जानकारी के अनुसार कोटपुतली बहरोड़ के महाराजावास निवासी युद्धवीर सिंह यादव ने उदयपुर ब्यूरो की टीम को शिकायत दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी के पिता सीएमएचओ कार्यालय में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। लेकिन राज्य सेवा के दौरान उनकी मार्च 2022 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वहीं 2022 में प्रार्थी युद्धवीर सिंह की शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास नहीं थी इसलिए उसने 12वीं पास होकर नियमानुसार पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। मुख्यालय पर आवेदन करने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चित्तौड़गढ़ में सभी दस्तावेज जमा करवाए। इसी दौरान सीएमएचओ कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारी मांगीलाल खटीक ने 40 हजार रुपए की फीस के रूप में मांग की। इस पर प्रार्थी ने 25 हजार रुपये दे दिये। लेकिन बाद में आवेदन पर आक्षेप लगने के मामले में सीएमएचओ कार्यालय के वरिष्ठ सहायक नईम बेग ने वाट्सएप कॉल पर आक्षेपों की पूर्ति के लिए बुलाया। इस दौरान मांगीलाल खटीक और नईम बेग ने सभी काम करने के एक लाख रुपये की मांग की। इसके बाद प्रार्थी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर से सम्पर्क किया, जहां से मांग का सत्यापन करने के लिए टेप रिकॉर्डर लगा कर सीएमएचओ कार्यालय भेजा। उनके द्वारा मांगी गई रुपए की राशि का सत्यापन हो गया। मामला 80 हजार रुपए में तय हाे गया।
ट्रेप के दौरान हुई शंका
एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार मामला तय होने के बाद प्रार्थी को 80 हजार रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहा। नियमानुसार दो विभागों के स्वतंत्र गवाह बना कर बुलाया गया और तय समय पर प्रार्थी के पास रुपए की व्यवस्था नहीं होने से 20 हजार रूपये के 500-500 के 40 नोट व 60 हजार रुपये के चिल्ड्रन बैंक के नाेट के साथ उसे सीएमएचओ कार्यालय भेजा। बातचीत के दौरान नईम बेग और मांगीलाल खटीक को शंका हो गई और उन्होंने गले में लटके रिकॉर्डिंग डिवाइस को देख लिया। इस पर मांगीलाल खटीक वहां से रवाना हो गया। इस मामले में ब्यूरो की टीम ने एफआइआर दर्ज कर ली है और इस मामले की जांच डॉ शोनू को सौंपी गई है।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
