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सिर्फ नगरीय निकाय के अनुभव प्रमाण होने की शर्त को किया रद्द

नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती का मामला

जयपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों में 24,797 पदों पर निकाली सफाई कर्मचारी भर्ती-2024 में स्वायत्त शासन विभाग के उस शुद्धि पत्र को रद्द कर दिया है, जिसके तहत सिर्फ नगरीय निकाय के सक्षम अधिकारी या ठेकेदार की ओर से जारी अनुभव प्रमाण पत्र को ही मान्यता दी गई थी। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश उदय सिंह सहित 140 याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस शुद्धि पत्र के जरिए तय किए गए मापदंड वर्ष 2012 के नियम 6 में निर्धारित मापदंड के विपरीत है। इसके अलावा यह भर्ती की पात्रता से उन अभ्यर्थियों को बाहर करता है, जिनके पास नगरीय निकाय का अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है।

याचिकाओं में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर 15 मार्च, 2024 की पात्रता शर्तों को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य सरकार की स्थानीय निकायों में एक मार्च, 2024 को निकाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती में लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इस दौरान भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही भर्ती एजेंसी ने 15 मार्च को शुद्धि पत्र जारी कर अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों में बदल ॥व कर दिया। नई शर्तों में कहा गया कि भर्ती में वही कार्य अनुभव प्रमाण पत्र वैध माना जाएगा, जो सार्वजनिक मार्ग या सार्वजनिक सीवरेज संबंधी कार्य के लिए नगरीय निकाय के सक्षम अधिकारी या सफाई ठेकेदार ने जारी किया हो। जबकि इससे पहले 9 जून, 2023 के आदेश में अनुभव प्रमाण पत्र में केन्द्र या राज्य सरकार की अर्द्ध सरकारी संस्था, प्लेसमेंट एजेंसी व ठेकेदार के एक साल के कार्य अनुभव प्रमाण पत्र को वैध माना था। याचिका में कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान शर्तों में बदलाव नहीं हो सकता है। इसलिए 9 जून, 2023 के अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों के अनुसार ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने शुद्धि पत्र के जरिए अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त में किए बदलाव को रद्द कर दिया है।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / संदीप माथुर

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