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घर आने-जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण फरियादी ने मांगा हेलिकॉप्टर

फरियादी का घर

बाड़मेर, 29 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला कलेक्टर टीना डाबी की रात्रि चौपाल में एक फरियादी अजीबो-गरीब समस्या लेकर पहुंचा। खुद के घर जाने के लिए रास्ता नहीं होने पर उसने कलेक्टर मैडम से हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करवाने की मांग कर दी। उसने कहा कि घर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। एक रास्ता जो बंद कर दिया गया, अब या तो रास्ता खुलवा दे या हेलिकॉप्टर की व्यवस्था कर दीजिए।

इस दौरान एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई ने पूछा कि इससे पहले हमारे पास क्यों नहीं आए। तब पीड़ित ने कहा कि वह कई बार उनके पास और राजस्व अधिकारियों के पास भी गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ।

कलेक्टर टीना डाबी मंगलवार को रात्रि चौपाल के लिए सेड़वा पहुंची। वहां पर लोगों की परिवेदनाएं सुनी। कलेक्टर ने भी पीड़ित को समझाया कि उसकी समस्या का हल कर दिया जाएगा। इसके बाद पीड़ित माना और वहां से आगे बढ़ा।

कलेक्टर टीना डाबी की सेड़वा उपखंड मुख्यालय पर रात्रि चौपाल चल रही थी। कलेक्टर परिवादियों की परिवेदनाएं सुन रही थीं। इस दौरान बाधा जोरापुरा गांव निवासी मांगीलाल पुत्र हुकमाराम परिवाद लेकर पहुंचा। उसमें हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करवाने को लेकर लिखा हुआ था। उसमें लिखा कि मेरे घर पर आने-जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मेरी फसलें खेत में पड़ी है। उसको वहां से कही ले जा नहीं सकता, घर में अगर कोई बीमार हो जाता है तो उनको गाड़ी में नहीं ले जा सकते है, चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ता है।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि प्राइमरी स्कूल फुलासर से खंगारोंणी डइयालों की ढाणी तक पैमाइश के समय से रास्ता कटान है। मैंने एसडीएम को खुलवाने के लिए प्रार्थना-पत्र पेश किया था। तब पुलिस की मदद से रास्ता खुलवाया गया था, लेकिन रास्ते पर टीचर खेराजराम पुत्र कानाराम पीटीआई ने अतिक्रमण कर लिया है, तथा रास्ते की भूमि पर जीरा की फसल लगा दी।

एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करेंगे। साथ ही शिक्षा विभाग को पीटीआई को पाबंद करने के निर्देश दिए है। सात-आठ दिन में रास्ता खुलवाने का पीड़ित को आश्वासन दिया गया है।

फरियादी मांगीलाल ने बताया कि मेरे जन्म से पहले से हमारा घर बना हुआ है। करीब-करीब 50 साल हो गए है। मेरा घर भारत माला हाईवे (सेड़वा से बाखासर) से आधा किलोमीटर दूर है। कटान रास्ता है। जिसे तीन साल से यूज कर रहे थे। लेकिन चार-पांच माह पहले पीटीआई ने बंद कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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