-यूसीसी कानून लागू करने वाला होगा उत्तराखंड देश का पहला राज्य: मुख्यमंत्री
-राज्य में यूसीसी लागू करने की तिथि मंत्रिमंडल की बैठक में जल्द की जाएगी तय
देहरादून, 18 अक्तूबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को जल्द लागू करने की कवायद तेज हो गई है। शुक्रवार को नियमावली बनाने के लिए गठित समिति ने अपना ड्राफ्ट सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में इस अधिनिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तिथि तय की जाएगी।
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड अधिनियम के राज्य में क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई ‘नियमावली और क्रियान्वयन समिति’ ने शुक्रवार को सचिवालय में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में तैयार नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग हैं। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्य पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है। जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इसके लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण व अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाइन माध्यम से सुलभ हो सकेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली आज सौंप दी गई है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण संबंधी प्रक्रियाएं उल्लिखित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में इस अधिनिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तिथि तय की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस समान नागरिक संहिता के लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाइन माध्यम से सुलभ हो सके।
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सबको समान रूप से न्याय मिले। महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधेयक बना है। जल्द इस अधिनियम को धरातल पर उतारा जाएगा। आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जिसे समान नागरिक संहिता लागू करने का गौरव प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अब नियमावली का अध्ययन करेगी। यह कानून सबकी समानता के लिए है, किसी को घबराने की जरुरत नही है। सरकार सभी के सुझाव आमंत्रित करती है, संसोधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह कानून सबके समानता के लिए है। देवभूमि के साथ-साथ उत्तराखंड वीरभूमि है। यह राज्य दो-दो अंतराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। देवभूमि की जनता ने मैंडेड दिया है। यह कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं लाया जा रहा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में यूसीसी लागू करने का ऐलान किया था। साल-2022 का चुनाव जीतने और दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार विशेषज्ञ समिति के ड्राफ्ट को 7 फरवरी, 2024 को राज्य विधानसभा में पारित कर दिया था। इस विधेयक 2024 पर राष्ट्रपति की सहमति के उपरान्त 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम पारित हाे गया था। नियमावली एवं क्रियान्वयन बनाए जाने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति गठित की किया गया। राज्य में यह समान नागरिक संहिता अधिनियम को लागू किया जाना प्रस्तावित है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की घोषणा के अनुसार आगामी 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन या उससे पहले राज्य सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून लागू कर सकती है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव रिद्धम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार