
नई दिल्ली, 20 मई (Udaipur Kiran) । मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गठित आयोग को छह माह का और समय दिया गया है। अब आयोग मैतेई और कुकी समुदायों के बीच उपजे जातीय संघर्ष पर 20 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट दे सकता है। इससे पहले भी आयोग को नवंबर में छह महीने का समय दिया गया था।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार मणिपुर हिंसा की जांच के लिए 4 जून, 2023 को गठित जांच आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा कराने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग गठित किया गया था। आयोग का नेतृत्व गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा कर रहे हैं। इसमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर अन्य दो सदस्य हैं।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद 3 मई, 2023 को हिंसा भड़की थी। न्यायालय के फैसले में मैतेई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी। इस जातीय हिंसा में नवंबर 2024 तक 258 लोगों की जान गई थी और 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
