कोलकाता, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । धर्मतला के मेट्रो चैनल के सामने जूनियर डॉक्टरों का अनशन आज 13वें दिन में प्रवेश कर गया है। ‘आमरण अनशन’ करने वालों में सायंतनी घोष हाजरा, सिग्धा हाजरा और अर्णब बनर्जी शामिल हैं। शुक्रवार को सायंतनी घोष ने पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठाया कि वे अब तक एक बार भी उनसे मिलने क्यों नहीं आईं। डॉक्टरों की 10 सूत्रीय मांगों को स्वीकार करने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है, फिर मुख्यमंत्री इतनी निर्दयी क्यों हैं?
सायंतनी ने कहा, “हम पिछले 13 दिनों से केवल पानी पी रहे हैं। न तो ओआरएस और न ही ग्लूकोज लिया है। सिर्फ पानी पर हम टिके हैं। बात करने में भी हमें तकलीफ हो रही है। क्या मुख्यमंत्री एक बार भी हमारे बारे में नहीं सोच रही हैं? हम देख रहे हैं कि वो दुर्गापूजा में व्यस्त हैं। उनकी मातृसत्ता कहां गई? वे एक बार भी हमारे पास नहीं आईं! हमारी 10 सूत्रीय मांगों पर दस्तखत करने में सिर्फ 10 मिनट लगेंगे, फिर वे इतनी निर्दयी क्यों हैं?”
सायंतनी ने आगे कहा कि साधारण लोग हर रोज़ यहां आ रहे हैं और हमें जीत का आशीर्वाद दे रहे हैं। सब हमें अपने बच्चों के समान मानते हैं। लेकिन क्या मुख्यमंत्री को एक बार भी ऐसा नहीं लगता कि हमारे सूखे चेहरों की तरफ देख लें? उनकी यह क्रूरता हमें स्तब्ध कर रही है।
जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को सोदपुर से धर्मतला तक न्याय यात्रा का आह्वान किया है। इस पर सायंतनी ने कहा, “हमें पता है कि लोग ज़रूर आएंगे। जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है। हमें जनता का समर्थन ज़रूर मिलेगा। लेकिन क्या हमें उनका (मुख्यमंत्री का) समर्थन मिलेगा, जिसके लिए हम 13 दिन से केवल पानी पर जिंदा हैं?”
सायंतनी और उनके साथी आम जनता से उनके आंदोलन का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को धर्मतला में लोगों से जमा होने का अनुरोध किया। सायंतनी ने कहा कि हमारे साथ खड़े हों। रविवार को मंच के सामने आएं और हमें मनोबल दें। हमारा शरीर धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है, आवाज़ भी धीमी हो रही है। आपकी आवाज़ से हमें ताकत मिलेगी। हम 13 दिनों से मुख्यमंत्री के 10 मिनट का इंतज़ार कर रहे हैं। आप आकर दिखाएं कि हमारी सभी मांगें न्यायपूर्ण हैं। हमारा हौसला इतना आसानी से टूटने वाला नहीं है। लेकिन हम नाराज़ हैं, भूख की वजह से नहीं, न्याय की मांग को लेकर। हमारे आंदोलन में कोई राजनीति नहीं है। लोग हमारे साथ हैं, पर जिनका साथ होना चाहिए था, वे नहीं हैं।
रूमेलिका, जो तीन दिनों से अनशन पर हैं, ने कहा कि हमारा आंदोलन 70 दिनों से चल रहा है और अनशन 13 दिनों से। जो हो रहा है, वह नहीं होना चाहिए था। हमें यहां इस तरह भूखे नहीं बैठना चाहिए था। इसके लिए मुख्यमंत्री ही ज़िम्मेदार हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि हम जिद कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हम सरकार की गलतियों की सजा भुगत रहे हैं। हमारे साथी, जो अस्पताल में भर्ती हैं, आपकी भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की सजा भुगत रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पांच अक्टूबर से धर्मतला में जूनियर डॉक्टर अनशन कर रहे हैं। छह डॉक्टरों ने ‘आमरण अनशन’ शुरू किया था, जिसमें अगले दिन एक और शामिल हो गए। सात में से तीन डॉक्टर अब भी अनशन पर हैं, जबकि चार को तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। आरजी कर अस्पताल के अनिकेत महतो को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिली है। उत्तर बंगाल में भी डॉक्टरों का ‘आमरण अनशन’ जारी है, जहां दो लोगों की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। इस समय धर्मतला में सात लोग अनशन पर हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर