पटना, 04 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज मुंगेर के सर्किट हाउस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश अपनी ही जनता से मिलने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। उन्हें जनता को इसका हिसाब देना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री को बिहार जैसे गरीब व पिछड़े राज्य को केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा दिलाना चाहिए। वे एक जिले में बैठकर तीन से चार जिलों की समीक्षा करेंगे। इतने कम समय में वे कितनी समस्या सुन पाएंगे तथा कितने का निदान कर पाएंगे।
प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक पर कहा कि सभी लीक के तार एक ही जिले (नालंदा) से क्यों जुड़ रहे हैं। साथ ही कहा कि 70वें बीपीएससी परीक्षा पर आयोग की चुप्पी चिंताजनक है। क्योंकि, परीक्षा में 10 दिन शेष हैं तथा परीक्षा पैटर्न बदल दिया जा रहा है। बिहार में हमने 75 प्रतिशत आरक्षण के तहत ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत तथा 65 प्रतिशत एससी-एसटी, ओबीसी को आरक्षण का प्रावधान किया था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार की बहाली में इसे लागू नहीं किया जा रहा, इसके लिए कौन दोषी है। भाजपा के लोग कोर्ट में जाकर आरक्षण के मामले को लटका रहे हैं। बिहार में मुख्यमंत्री केवल मुखौटा मात्र हैं। यहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। चंद अधिकारी सरकार चला रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सरकार बिहार में बनती है तो उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देंगे। राजद अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता के साथ साझा किया जाने वाला एक ‘रोडमैप’ तैयार कर रही है। राज्य के लोग अत्यधिक बिजली दरों और ‘स्मार्ट प्रीपेड मीटर’ से अनियमित बिजली बिल से जूझ रहे हैं। हम बिलों को सही और 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान कर लोगों को राहत पहुंचाने का इरादा रखते हैं। हम सत्ता में आने पर ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी